नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफ़ाई कर्मचारियों की हड़ताल का 23 वां दिन है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर सफाई कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। वेतन न मिलने के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिससे कि इलाके में सफाई का काम नहीं हो पा रहा है, साथ ही फंड की कमी से दूसरे नगर निगमों की स्थिति ठीक नहीं है। सफाई कर्मचारियों की मांग है कि जो सफाई कर्मचारी अनियमित हैं उनकी नौकरी पक्की की जाए, सैलरी नियमित रूप से दी जाए, जो कभी मिलती है कभी नहीं मिलती।
कूड़ा न उठने की वजह से पूर्वी दिल्ली के ज़्यादातर इलाक़ों में कूड़े का अंबार लग गया है। लोग परेशान हैं लेकिन उनकी परेशानी हल करने वाला भी कोई नहीं है। कई इलाकों में नालियां जाम हो गई हैं। परेशान लोग अब कूड़ा जलाने लगे हैं।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह अगले दो दिन में स्थानीय निकायों को 500 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी इससे पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण उपजे संकट से निपटने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी वेतन के नियमित भुगतान और कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर हड़ताल पर हैं।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केन्द्र और दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से पूछा कि क्या वह भी मौजूदा संकट से निपटने के लिए समान राशि जारी कर सकते हैं। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि राशि जारी करने की दिल्ली सरकार की पेशकश और यदि केन्द्र सरकार या दिल्ली के उपराज्यपाल समान पेशकश करते हैं तो अधिकारों के किसी पूर्वाग्रह के बगैर और यह दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के प्रति मतभेदों से परे होगा।