दिल्ली में हर साल पड़ोसी राज्यों के किसानों द्वारा पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है। इस साल इस तरह की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार पहले से ही अपने इंतजाम करने में लगी हई है। पराली के संबंध में दिल्ली के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात करेंगे। उन्होंने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री से पराली के निस्तारण के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) द्वारा विकसित किफायती तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश पड़ोसी राज्यों को देने का अनुरोध करेंगे। मुख्यमंत्री पूसा गए थे और इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘ मैं एक या दो दिन में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात करूंगा और उनसे पड़ोसी राज्यों को इस तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्देश देने का अनुरोध करूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब इस वर्ष ज्यादा वक्त नहीं बचा है……अगले वर्ष हम बेहतर योजना बनाएंगे। दिल्ली में हम इसे बेहतर से बेहतर तरीके से अमल में लाएंगे।’’ गौरतलब है कि पंजाब, हरियाण और उत्तर प्रदेश में पराली जलने के कारण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है।
क्या है पूसा डिकम्पोजर
पूसा की ओर से विकसित तकनीक को ‘पूसा डिकम्पोजर’ कहते हैं जिसमें पूसा डिकम्पोजर कैप्सूल की मदद से एक तरल तैयार किया जाता है और उसे आठ से दस दिन के लिए छोड़ दिया जाता है और इसके बाद इस पदार्थ को पराली के ऊपर डाल दिया जाता है, इससे पराली का निस्तारण जैविक तरीके से हो जाता है। इस कैप्सूल की कीमत 20 रुपए है और इससे एक एकड़ में चार से पांच टन फूस का निस्तारण किया जा सकता है।