नई दिल्ली : अरविंद बचपन से ही बहुत मेहनती और लगनशील थे। वह पढ़ाई के साथ अन्य सभी काम बेहद गंभीरता से करते थे। इसी का नतीजा है कि कभी उनके स्कूल से कोई शिकायत नहीं आती थी। पैरेंट्स टीचर मीटिंग में टीचर उनकी तारीफ ही करते थे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मां गीता देवी ने रविवार रात सीएम आवास पर देश में सर्वश्रेष्ठ चुने गए दिल्ली के तीन स्कूलों के प्रिंसिपल और कर्मचारियों के साथ चर्चा के दौरान एक शिक्षक के पूछने पर अनुभव साझा कर रही थीं। बता दें कि एजुकेशन वर्ल्ड ने देशभर के सरकारी स्कूलों का सर्वे किया। इसमें दिल्ली के तीन स्कूल सर्वश्रेष्ठ चुने गए। पिछले दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वह इन स्कूलों के प्रिंसिपल, शिक्षक और कर्मचारियों से मुलाकात करेंगे। इसका आयोजन रविवार को सीएम आवास पर किया गया।
इस दौरान अरविंद केजरीवाल के पिता गोविंद राम केजरीवाल, मां गीता देवी और पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थीं। साथ ही उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व उनकी पत्नी भी मौजूद थी। इसी दौरान अरविंद केजरीवाल के बचपन के बारे में एक शिक्षक ने उनकी मां गीता देवी से सवाल किया। गीता देवी ने बताया कि अरविंद हमेशा से हर काम को बेहद गंभीरता और लगन से करते थे। इसी कारण स्कूल में टीचर को कभी शिकायत का मौका नहीं मिला। कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने भी अपने अनुभव साझा किए।
डॉक्टर बनने की थी इच्छा…
केजरीवाल ने कहा कि स्कूली शिक्षा के दौरान एक टीचर थे, जो उन्हें बहुत प्यार करते थे। उन्होंने ही इस बात के लिए प्रेरित किया कि जीवन में जो भी करो, सबसे बेहतर करो। केजरीवाल ने कहा कि मेरी इच्छा डॉक्टर बनने की थी। लेकिन, टॉप संस्थान एम्स था और महज 25 सीटें होती थी। इस कारण टीचर ने इंजीनियरिंग करने को प्रेरित किया। टीचर की प्रेरणा से ही आईआईटी में गया। उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन में टीचर का अतुलनीय योगदान होता है।
…तब बच्चों ने कहा था शिक्षा जगत का भाग्य बदल देंगे केजरीवाल
मीटिंग के दौरान नरेला के एक शिक्षक भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि पांच साल पहले अरविंद केजरीवाल जी की रैली मेरे घर के पास से गुजर रही थी। मैंने मेरे बच्चों से कहा लो एक और नेता आ गए। मेरी बात को बच्चों ने काटा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल राजनीति करने नहीं हमारा भविष्य सुधारने आ रहे हैं। इस बार जनता इनको ही वोट करेगी। तभी शिक्षा क्षेत्र में बदलाव आएगा।
शिक्षक ने कहा, आज लगता है, बच्चे मुझसे ज्यादा समझदार थे, जिन्होंने अपने भाग्य को पहले ही पहचान लिया था। आज वह बच्चे बड़े गर्व से कहते हैं, देखा सर। हमलोगों ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल शिक्षा जगत का भाग्य बदल देंगे।