बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिजली की खपत शनिवार को लगभग दो प्रतिशत या 7.2 करोड़ यूनिट घटकर 382.8 करोड़ यूनिट हो गई, जो शुक्रवार को 390 करोड़ यूनिट थी। इसके चलते कोयले की कमी के बीच देशभर में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ।
आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार, आठ अक्टूबर को बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी। बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई थी।
टाटा पावर की इकाई टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (डीडीएल), जो उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में बिजली वितरण का काम करती है, ने शनिवार को अपने उपभोक्ताओं को फोन पर संदेश भेजकर कोयले की सीमित उपलब्धता के चलते विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करने का अनुरोध किया था।
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बिजली मंत्रालय ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा कोयले की कुल आपूर्ति 15.01 लाख टन प्रतिदिन तक पहुंच गई। इस कारण खपत और वास्तविक आपूर्ति के बीच अंतर कम हो गया। कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिन में बिजली क्षेत्र में कोयले की को बढ़ाकर 16 लाख टन प्रतिदिन करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं और उसके बाद इसे बढ़ाकर 17 लाख टन प्रतिदिन किया जाएगा।
कोयले के भंडार में कमी होने के ये है कारण
-अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी
-कोयला खदानों में भारी बारिश से कोयला उत्पादन और ढुलाई पर प्रतिकूल प्रभाव
-आयातित कोयले की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और मानसून से पहले पर्याप्त कोयला स्टॉक न करना।