भीषण गर्मी और कोयले की कमी के बीच देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में भी गर्मी के चलते बिजली की मांग बढ़ गयी गई। दिल्ली सरकार ने इसको लेकर चेतावनी जारी करते हुए बिजली आपूर्ति करने वाले पावर प्लांट्स में कोयले की कमी है। ऐसे में मेट्रो और अस्पतालों समेत अहम संस्थानों को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
कोयले की स्थिति को लेकर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बैठक बुलाई। उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि दादरी-द्वितीय और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण दिल्ली मेट्रो और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों सहित कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत हो सकती है।
दिल्ली में दादरी पावर प्लांट से है होती है सबसे ज्यादा बिजली की आपूर्ति
दादरी, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर पावर प्लांट से 1,751 मेगावाट बिजली हर दिन दिल्ली को भेजी जाती है। दिल्ली को ज्यादातर आपूर्ति (728 MW) दादरी -II पावर प्लांट से की जाती है। वहीं, ऊंचाहार से 100 MW बिजली का आपूर्ति होती है। नेशनल पावर पोर्टल की डेली कोल रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी पावर प्लांट्स पर कोयले की कमी है।
ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि वर्तमान में, दिल्ली में बिजली की 25-30 प्रतिशत मांग इन बिजली स्टेशनों के माध्यम से पूरी की जा रही है और वे कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि लोगों को राजधानी के कुछ इलाकों में बिजली की कमी का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि ये बिजली स्टेशन दिल्ली के कुछ हिस्सों में बिजली कटौती को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और गर्मी के मौसम में दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी), अस्पतालों और लोगों को बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने लिए भी जरूरी हैं। एनटीपीसी के दादरी-द्वितीय और झज्जर (अरावली) की स्थापना मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई थी।