पटना : बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने राज्य के महाविद्यालयों में वित्तीय अनियमितताओं के मामलों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आज कहा कि ऐसे मामलों के दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। श्री टंडन ने इस वर्ष सितम्बर में कराये गये विभिन्न महाविद्यालयों के निरीक्षण के दौरान पायी गई वित्तीय अनियमितताओं के विरूद्ध सख्त कदम उठाने के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कहा है।
उनके निर्देशों के अनुसार संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर राज्यपाल सचिवालय ने जांच रिपोर्ट में पायी गई वित्तीय त्रुटियों और आपत्तियों के निराकरण के लिए शीघ्र आवश्यक कार्रवाई का निदेश दिया है। राज्यपाल सचिवालय ने कहा है कि वित्तीय अनियमितता के ठोस मामलों को पूरी गंभीरता से लिया जाना चाहिए तथा संबंधित दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
राजभवन सूत्रों ने यहां बताया कि जांच के दौरान पटना विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रतिकुलपति एवं कुलसचिव के प्रतिवेदनों में पटना साईंस कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय एवं पटना कॉलेज में कैशबुक अद्यतन नहीं पाया गया है। बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा में 18.90 लाख रुपये अग्रिम मद में तथा 12.53 लाख रुपये के वैसे वाउचर पाये गये जिसका समायोजन नहीं किया गया है।
इसी विश्वविद्यालय के लक्ष्मीनाथ महाविद्यालय, सरहसा में कैशबुक में लंबित राशि की विवरणी अंकित नहीं है। साथ ही कमलेश्वरी विन्देश्वरी महिला महाविद्यालय, मधेपुरा के कैशबुक को भी वर्ष 2016-17 तक ही अपडेट किया गया है तथा इसमें लंबित राशि की भी विवरणी अंकित नहीं है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के एमबीआरवी कॉलेज में कैशबुक का रखरखाव सही नहीं है और वाउचर के समायोजन की सूचना अप्राप्त है। मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के अधीन एसकेएम कॉलेज, जहानाबाद में कैश बुक समुचित रूप से संधारित नहीं है। टीएस कॉलेज, हिसुआ तथा केएलएस कॉलेज, नवादा में भी कैशबुक के रखरखाव तथा वाउचर के समायोजन में अनियमितता पायी गई है।
राज्यपाल सचिवालय ने राज्य के सभी कुलपतियों को निर्देश दिया है कि विभिन्न महाविद्यालयों में कैशबुक का अद्यतन नहीं रहना वित्तीय अनियमितता ही मानी जाती है। ऐसी परिस्थिति में जांच के दौरान पायी गई त्रुटियों के निराकरण के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाये। किसी भी वित्तीय अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। महाविद्यालयों में जांच कार्य आगे भी तत्परतापूर्वक संचालित करने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल सचिवालय द्वारा सभी कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों, कुलसचिवों एवं महाविद्यालय निरीक्षकों को प्रत्येक माह दो-दो महाविद्यालयों का बिन्दुवार निरीक्षण करने के लिए पूर्व में ही निर्देश दिया गया है।