नई दिल्ली : आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ता वापसी के लिए जुटी आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आयोजित की। जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देशभर से आए सदस्यों को आश्वस्त किया कि हम मजबूती के साथ सत्ता में वापसी कर रहे हैं। अपने आवास पर आयोजित इस बैठक में केजरीवाल ने कहा कि पांच साल बाद आज विरोधी भी मानते हैं कि हमने अच्छी सरकार चलाई है। देश में पहली बार लोगों को लगा है कि काम तो हो सकता है।
अन्य पार्टियों ने 70 साल तक लोगों को बेवकूफ बनाया। दिल्ली मे भाजपा और कांग्रेस के लोग भी अब आप को वोट देने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास में देखा गया है कि जब-जब पार्टियां आंदोलन से बनीं, तब-तब कुछ सालों के बाद वे पार्टियां अपने निकम्मेपन की वजह से कुछ नहीं कर पाईं। वे आपसी झगड़ों की वजह से कुछ सालों में खत्म हो गईं। 1977 और असम का उदाहरण हमारे सामने है।
जब हमारी पार्टी बनी थी तब लोगों को लगता था कि यह भी ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। अचानक तूफान आया और यह कुछ लोग बन गए, लेकिन हम लोगों ने आंदोलन किया। वह आंदोलन काफी बड़ा हुआ। इसके बाद हम लोगों ने पार्टी बनाई। विरोधी दलों की उम्मीदों के विपरीत हमें भारी सफलता मिली। जनता ने हमें पूरा सहयोग दिया और विश्वास किया। जिसकी बदौलत बहुत बड़ा बहुमत मिला। इसके बाद का सफर ज्यादा मुश्किल था।
अक्सर सत्ता में आने के बाद अहंकार आ जाता है। अक्सर सत्ता में आने के बाद सत्ता संभाल नहीं पाते हैं। नए लोगों को सरकार चलानी नहीं आती, लेकिन आज पांच साल के बाद हमारे विरोधी भी मानते हैं कि हमने सरकार बहुत अच्छी चलाई। पहली बार जो हो रहा है कि 70 साल में कोई भी विरोधी ऐसा नहीं कर पाया। कोई विरोधी नहीं कह सकता है कि उसने स्कूल अच्छा कर दिया है। इसलिए हमें वोट दो।
कोई ऐसी पार्टी नहीं होगी जो यह कहे कि हमने अस्पताल ठीक कर दिया और हमें वोट दो। हमने सड़कें बनवा दीं, पानी दे दिया है हमें वोट दे दो। पहली हमारी पार्टी है, जो धर्म जाति की बजाय अपने काम के नाम पर वोट मांग रही है। अब हमें काम गिनाने नहीं पड़ रहे हैं। हमारी जनता हमारे बीच खुद आकर काम गिना रही है। केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली के चुनाव को एक से डेढ़ महीना रह गया है। दिल्ली हमारी पार्टी का आधार है।
यहीं से हम लोगों ने राजनीतिक सफर की शुरुआत की है। यहां पर हमें बड़ी मजबूती से चुनाव लड़ना है। हमारा लक्ष्य भी काफी बड़ा है। पिछली बार हमने 70 में से 67 जीती थीं, तो इस बार हमें 67 से कम नहीं होनी चाहिए। हमारी इससे ज्यादा सीटें आनी चाहिए।