नई दिल्ली : दिल्लीवालों की आय राष्ट्रीय औसत आय के मुकाबले तीन गुनी से अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 125397 रुपये है जबकि दिल्लीवालों की औसत आय 365529 है। शनिवार को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण को प्रस्तुत करते हुए उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्यों पर 2018-19 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय औसत की तुलना में तीन गुनी से अधिक है।
उन्होंने कहा कि आप सरकार के कार्यकाल में (2017-18 अनंतिम) राजस्व की वार्षिक वृद्धि दर 14.70 फीसदी रही। जबकि 2016-17 में यह 3.03 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि अग्रिम अनुमानों के अनुसार 2018-19 के दौरान दिल्ली की सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्यों पर 779652 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। जो वर्ष 2017-18 की तुलना में 12.98 फीसद अधिक है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए डीबीटी के तहत 71 योजनाओं में पैसे आवंटित किए जा रहे हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में सामाजिक क्षेत्र पर आवंटित बजट 83.60 फीसद रहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने विगत वर्ष शिक्षा को बजट में सबसे अधिक राशि उपलब्ध करवाई। इसके बाद सामाजिक सुरक्षा और कल्याण, चिकित्सा व अन्य क्षेत्रों को महत्व दिया गया।
पर्यावरण पर रहा जोर… सरकार ने बजट बनाते समय पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया। सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाले कारणों का पता लगाकर उसे दूर करने के लिए सब्सिडी योजना शुरू की। सरकार के प्रयास के कारण 2017 में वन क्षेत्र बढ़कर 20.6 फीसद पहुंच गया। सरकार ने दिल्ली में हरियाली बढ़ाने के लिए 20 लाख से अधिक पौधे लगाए।
बदली परिवहन की सुविधा… दिल्ली में परिवहन की सूरत पूरी तरह से बदल गई है। राजधानी में 1.09 करोड़ से अधिक वाहन हैं। सरकार ने मेट्रो फेस-4 को मंजूरी दे दी है। लोगों की सुविधा के लिए कॉमन मोबिलिटी कार्ड सुविधा शुरू की। फ्लाईओवर में सुधार किया। बसों की संख्या बढ़ाने के लिए नए डिपो बनाए गए। 3000 बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है। सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है। बसों की महिलाओं को सुरक्षित सफर देने के लिए मार्शल तैनात किए गए हैं।
हर घर पहुंचा पानी… पानी की बर्बादी को रोककर हर घर तक पानी पहुंचाया गया। दिल्ली के 83.42 फीसदी परिवारों को पाइप लाइन के माध्यम से पानी दिया जा रहा है। बिलों के भुुगतान में सुधार के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की गई। वर्तमान में 913 एमजीडी पानी उपलब्ध है। दिल्ली जल बोर्ड बीते 31 मार्च तक 607 एमजीडी पानी को ट्रीट कर रहा है। वहीं दिल्ली के जेजे बस्ती में रहे लोगों को पक्के मकान देने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। इन सीटू पुनर्वास योजना के तहत 12 हजार से अधिक फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं पुरानी दिल्ली के लिए विशेष योजना तैयार की गई है।
सामाजिक क्षेत्र में बदलाव… दिल्ली ने सामाजिक क्षेत्र में बदलाव करते हुए काफी सुधार किए। वरिष्ठ नागरिकों के पेंशन को बढ़ाकर 2000-2500 रुपये कर दिया। वर्ष 2018-19 (दिसंबर तक) में दिल्ली में करीब 4.42 लाख वरिष्ठ नागरिकों को मासिक वृद्धावस्था पेंशन दी गई। वर्ष 2017-18 में 4.38 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन दी गई। इसके अलावा 2.35 लाख महिलाओं को वित्तीय सहायता दी गई। इसके अलावा दिव्यांग व अन्य को भी विभिन्न मदों में वित्तीय सहायता दी गई। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर एससी-एसटी समुदाय के युवाओं को जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा योजना के तहत आर्थिक मदद दी जा रही है। इसके अलावा विभिन्न योजनाओं के तहत भी सामाजिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
शिक्षा पर खर्च दोगुना… राजधानी के शिक्षा स्तर में सुधार के लिए सरकार ने बजट में वृद्धि की। इसका असर भी दिखा, राजधानी में प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष शिक्षा व्यय 2014-15 में 35580 रुपये से बढ़कर वर्ष 2018-19 में बढ़कर 66038 रुपये हो गया। सरकार ने स्कूलों में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं दीं। कक्षाओं की संख्या बढ़ाई। 301 सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं शुरू की। इसके अलावा तकनीकी शिक्षा को बढ़ाने के लिए कई नए प्रयोग किए। स्कूलों में नए पाठ्यक्रम शुरू किए।
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति … दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव आया है। दिल्ली के अंतर्गत 1298 औषधालय, 1160 नर्सिंग होम, 230 प्रसूति गृह, 178 पॉलीक्लीनिक -स्पेशल क्लीनिक, 88 अस्पताल और 17 मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। वर्ष 2017-18 में दिल्ली में बिस्तरों की संख्या बढ़कर 57194 हो गई। अब दिल्ली में प्रति हजार व्यक्ति पर बिस्तरों की संख्या बढ़कर 2.99 हो गई है। दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रति व्यक्ति खर्च को बढ़ाकर 2493 रुपये कर दिया है।