नई दिल्ली : जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के तीन छात्र राहुल कपूर, कासिम उस्मानी व अकीब रिजवान और जामिया यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के सचिव प्रोफेसर माजिद जमील ने स्टूडेंट्स के प्रति पुलिस की बर्बरता के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत के अनुसार, 15 दिसंबर को जामिया के छात्रों द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन के खिलाफ एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज करके और आंसू गैस के गोले छोड़कर अत्यधिक बल प्रयोग कर इसे समाप्त कर दिया।
इस शिकायत में कहा गया कि कई स्टूडेंट्स को गंभीर रूप से घायल हुए, जिसमें एक छात्र की आंख की रोशनी चली गई। कई और लोगों को चिकित्सा व कानूनी सहायता की पहुंच से बाहर रखा गया। पुलिस की बर्बरता की कार्रवाई के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की क्रूरता की जांच की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ताओं से कहा गया कि वे अपने संबंधित हाईकोर्ट से संपर्क करें। बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक समान याचिका पर नोटिस जारी किया और 4 फरवरी, 2020 को मामले को सूचीबद्ध कर दिया। लेकिन इस बर्बरता के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं।
उन्होंने शिकायत में कहा कि चेंज डॉट ओआरजी के सहयोग से पुलिस क्रूरता के खिलाफ एक याचिका पर दुनिया भर से 1.18 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर जमा किए गए हैं। जिसके आधार पर ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए संपर्क किया गया हैं।
चेंज डॉट ओआरजी इंडिया की डायरेक्टर निदा हसन ने कहा है कि देश उथल-पुथल से गुजर रहा है और संविधान संशोधन अधिनियम के पारित होने के बाद से कई याचिकाएं शुरू की हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया के एक छात्र द्वारा शुरू किया गया यह अभियान जिसमें यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर पुलिस कार्रवाई की एक जांच की मांग वायरल हुई है।