शिवसेना ने विजय माल्या के दावे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ कांग्रेस के आरोपों को शनिवार को ”हास्यास्पद” बताया। देश से भागने से पहले जेटली से मुलाकात करने संबंधी माल्या के दावे को लेकर कांग्रेस ने वित्त मंत्री पर निशाना साधा था। शिवसेना ने कहा कि यदि कांग्रेस उनकी बैठक के बारे में जानती थी, तो वह इतने वर्षों तक चुप क्यों रही।
उन्होंने कहा कि यह विवाद 2019 के आम चुनाव की तैयारी का एक हिस्सा है। शिवसेना ने कहा,”माल्या झूठे है। लंदन की अदालत में दिये गये बयान से अरुण जेटली परेशानी में पड़े है। उन्होंने (माल्या) दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले, वह जेटली से मिले थे और मामला के निपटारे की पेशकश की थी।”
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ”लेकिन माल्या के बयान के आधार पर जेटली को मामले में एक आरोपी बनाने की क्या जरूरत है? लेकिन कांग्रेस ने ऐसा किया है।” इसमें कहा गया है, ”माल्या कई करोड़ों रुपये का कर्ज चुकाये बिना देश छोड़कर भाग गया। इस समय वह लंदन में प्रत्यर्पण मामले का सामना कर रहा है।”
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उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि हालांकि माल्या ने एकमुश्त निपटान किये जाने का प्रयास किया लेकिन इसके लिए बैंक तैयार नहीं थे। संपादकीय में कहा गया है,”बैंक माल्या की पेशकश के लिए तैयार नहीं थे और इसलिए उन्होंने संसद में जेटली से मुलाकात की। खुद के सांसद रहते माल्या को संसद परिसर में घूमने का अधिकार था। इसलिए कांग्रेस नेता (पीएल) पुनिया का यह आरोप कि जेटली भी मामले में आरोपी है, पूरी तरह से हास्यास्पद है।”
पार्टी ने कहा कि माल्या केवल अकेला नहीं है जिसने कर्ज की अदायगी नहीं की है। कर्ज नहीं चुका पाने वाले इस तरह के कई लोग है जो सांसद के रूप में खुलेआम घूम रहे है। शिवसेना ने पूछा,”अब यह प्रकाश में आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी (भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी) के एक पारिवारिक समारोह में मौजूद थे। इसलिए क्या कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को उनके भागने के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए।”
इसमें कहा गया है, ”माल्या ने इतने सालों बाद अदालत में इसका खुलासा किया। अगर कांग्रेस पहले से बैठक के बारे में जानती थी, तो उसने इसे इतने लंबे समय तक क्यों छुपाया।” गौरतलब है कि माल्या ने बुधवार को दावा किया था कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था।
वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा था कि उन्होंने उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। शिवसेना ने कहा कि बोफोर्स मामले में आरोपी इतालवी नागरिक ओतावियो क्वात्रोच्चि भारत सरकार और सीबीआई की मदद के बिना भारत से नहीं भाग सकता था। क्वात्रोच्चि 1993 में भारत से भाग गया था और कभी लौटकर नहीं आया और उसने उसके खिलाफ दायर मामलों में कभी भी सुनवाई का सामना नहीं किया। उसकी जुलाई 2013 में मौत हो गई थी।