नई दिल्ली : लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने मंथन शुरू कर दिया है। साथ ही दिल्ली की आप सरकार पर भी हमलावर हो गई है। शुक्रवार को कांग्रेस ने कहा कि इस लोकसभा के परिणाम के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि दिल्ली के अंदर आप पार्टी की स्थिति बद से बदतर है। दिल्ली के लोगों ने उसको पूरी तरह नकार दिया है कि दिल्ली के अंदर कई विधानसभा सभा में कांग्रेस पहले पायदान पर आयी है लेकिन आम आदमी पार्टी शायद ही एक भी स्थान पर प्रथम आयी हो।
कांग्रेस प्रवक्ता जितेन्द्र कोचर का कहना है कि अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत से 27-30 फीसदी तक गया है, जबकि आप का वोट प्रतिशत 14-18 फीसदी पर ही सिमट कर रह गया है। इससे एक बात तो तय है कि आने वाली विधानसभा में सीधा मुकाबला कांग्रेस का भाजपा के साथ होगा। कोचर ने कहा कि आप पार्टी कांग्रेस का वोट नहीं काटे तो भाजपा सीधा मुकाबले में कांग्रेस से नहीं जीत पाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल तक जब भाजपा का कांग्रेस से सीधा मुक़ाबला था तो भाजपा तीनों बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हारी थी और शीला दीक्षित कांग्रेस की मुख्यमंत्री बनी थी।
परंतु आप पार्टी के चुनाव में रहने से जो 14-16 फिसदी वोट आम आदमी पार्टी को मिले हैं। उससे सीधा फायदा भाजपा को मिलता है। कोचर ने आरोप लगाया कि दिल्ली के लोग आप पार्टी की वास्तविकता, उनकी नीति और नीयत को समझ चुके हैं और दिल्ली की जनता अब केजरीवाल के झूठे वादों में आने वाली नहीं है। कहा कि चंद महीनों के बाद से आने वाले विधानसभा चुनावों में आपकी मेहनत रंग लाएगी और दिल्ली के अंदर एक बारी फिर से कांग्रेस की सरकार बनाएंगे और जो विकास दिल्ली के अंदर कांग्रेस की सरकार के समय में हुआ है उसको फिर स्थापित करेंगे। कोचर ने आह्वान किया कि कांग्रेस का हरेक कार्यकर्ता सबकुछ भूल कर विधानसभा चुनाव में जुट जाएं।