बीजेपी ने मंगलवार को दावा किया कि कांग्रेस के तेलगु देशम पार्टी (तेदेपा) के साथ गठजोड़ करने से तेलंगाना में उसकी चुनावी संभावनाओं में सुधार हुआ है। वहीं भगवा दल ने टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) पर हमला करते हुए उसे ‘पारिवारिक दुकान’ करार दिया।
पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि भाजपा तेलंगाना में खुद को टीआरएस के लिए मुख्य चुनौती मानती है, जहां पार्टी अपने दम पर सभी सीटों पर लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ‘छोटी पार्टियों’ से गठजोड़ कर रही है क्योंकि उसे एहसास हो गया है कि वह तेलंगाना राष्ट्र समिति से मुकाबला नहीं कर सकती है।
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कांग्रेस, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, भाकपा और प्रो एम कोडदरम की तेलंगाना जन समिति विधानसभा चुनाव से पहले एक गठबंधन बनाने पर चर्चा कर रहे हैं। राज्य में इस साल दिसंबर में चुनाव हो सकते हैं। राज्यसभा सदस्य राव ने कहा कि तेदेपा के साथ गठबंधन ने कांग्रेस की अपील और घटाई है।
भाजपा और तेदेपा ने 2014 में हुए तेलंगाना विधानसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। राज्य में विधानसभा की 119 सीटें हैं। तेदेपा ने 72 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे 15 फीसदी वोट और 15 सीटें मिलीं थी जबकि भाजपा ने 45 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे। भाजपा पांच सीटों पर जीती थी और उसे सात प्रतिशत से ज्यादा मत मिले थे।
बहरहाल, भाजपा ने तेलंगाना में तेदेपा से दूरी बना ली और राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया। राव ने कहा कि पिछली बार (तेलंगाना) में हमारे खराब प्रदर्शन का मुख्य कारक तेदेपा से गठबंधन था। भाजपा ने तेलंगाना में इस गठबंधन से नाता तोड़ लिया क्योंकि हमें लगता था कि यह राज्य में हमारी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा है।
राव ने कहा कि कांग्रेस, तेदेपा, एमआईएम (हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवेसी की अगुवाई वाली) और अन्य पार्टियों की ही तरह टीआरएस भी एक परिवार की दुकान है।