दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने कोरोना काल के दौरान भी खाली पड़े पदों पर मेडिकल व पारामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति नहीं किये जाने वहीं हाईकोर्ट द्वारा महामारी से उपजे विशेष जरूरत की पूर्ति के लिए प्रमुख दैनिक अखबारों में विज्ञापन नहीं दिये जाने के कारण मिली फटकार के मुद्दे पर दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “केजरीवाल केवल अपना चेहरा चमकाने के लिए विज्ञापन देते हैं।”
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने बयान जारी कर कहा कि “दिल्ली सरकार के अस्पतालों में लगभग 29 फीसदी पारमेडिकल स्टाफ, 34 फीसदी मेडिकल स्टाफ की कमी कोविड काल से पहले से ही थी। जिसे केजरीवाल ने कोरोना महामारी को आए हुए एक साल से अधिक समय के दौरान भी नहीं भरा।”
उन्होंने कहा कि आज ये नौबत आ चुकी है कि डॉक्टरों, नर्सों की भारी कमी को भरने व महामारी से उपजे हालात में लोगों को समुचित इलाज मुहैया कराने को लेकर कोर्ट से प्रमुख दैनिक अखबारों में डॉक्टरों की जरुरत वाले विज्ञापन नहीं दिये जाने को लेकर फटकार लग रही है।
अनिल कुमार ने आगे कहा केजरीवाल बेड बढ़ाने का कार्य कर रहे लेकिन इन बिस्तरों पर जो मरीज इलाज करवाएंगे उनके लिए डॉक्टर, नर्स, स्टाफ कहां से आएंगे उसको लेकर चुपचाप हैं, केवल खानापूर्ति का कार्य कर रहे हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अनुसार, पिछले 6 साल में सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी अनुसार लगभग 800 करोड़ विज्ञापन के जरिये केजरीवाल ने खुद के चेहरे चमकाने पर खर्च किये लेकिन आज जब दक्ष डॉक्टरों की सेवा के लिए पैसे व प्रमुखता से विज्ञापन देने की बात हो रही तो बहाने बना रहे।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने मांग की है कि, “डॉक्टरों की बहाली के लिए पैसे की कोई कमी नहीं आना चाहिए, सरकार का यह संवैधानिक दायित्व है कि वो हर एक नागरिक का जान बचाने का हरसंभव प्रयास करें, पैसे की कमी इसके आड़े नहीं आना चाहिए।”