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कांग्रेस ने जीबी पंत अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ साधा निशाना, कहा- भाषा के आधार पर भेदभाव हो बंद

कांग्रेस ने नर्सिंग कर्मचारियों से मलयालम में बात नहीं करने के लिए एक परिपत्र जारी करने को लेकर दिल्ली के अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए इसे असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन बताया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई नेताओं ने दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जीबी पंत अस्पताल के अधिकारियों पर निशाना साधा और कहा कि भाषा के आधार पर भेदभाव बंद होना चाहिए। 
अस्पताल ने अपना विवादित आदेश वापस ले लिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मलयालम भी भारतीय भाषा है। भाषा के आधार पर भेदभाव करना बंद करें। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इस मामले पर चिंता प्रकट की और गोविंद वल्लभ पंत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के आदेश को पोस्ट किया, जिसमें चेताया गया कि केवल हिंदी और अंग्रेजी में बात करें, वरना कार्रवाई की जाएगी।
प्रियंका गांधी ने मलयालम में ट्वीट किया, ‘‘यह आदेश हमारे देश के बुनियादी मूल्यों का उल्लंघन है। यह नस्लवादी, पक्षपातपूर्ण और पूरी तरह गलत है।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि यह आदेश केरल की नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों का अपमान है जो कोविड-महामारी के समय अपनी जान को खतरे में डालकर लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे हैं। प्रियंका ने कहा कि यह आदेश अपमान है। हमें उनका आभारी होना चाहिए और सम्मान दिखाना चाहिए। जितनी जल्दी हो इसे (आदेश को) वापस लिया जाना चाहिए और माफी मांगी जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे विचित्र आदेश बताते हुए कहा, ‘‘यह बिल्कुल असंवैधानिक है।’’ कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया। स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र में वेणुगोपाल ने कहा कि विश्वास नहीं होता कि अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को मौलिक अधिकारों से वंचित करने वाला इस तरह का आदेश किसी संस्थान ने जारी किया है। 
वेणुगोपाल ने कहा कि मैं आपसे आग्रह करता हूं कि मनमाने और भेदभावपूर्ण परिपत्र को तुरंत वापस लिया जाए। भाषाई आधार पर भेदभाव करने वाला ऐसा परिपत्र जारी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि केरल की नर्सें कोविड-19 संकट के समय दुनिया भर में सेवाएं दे रही हैं और उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता।

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