दिल्ली
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक करेगी कांग्रेस, सत्ता में वापसी की कोशिश
विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों की सूची तय करने के लिए कांग्रेस आज स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक करेगी। कांग्रेस सूत्रों ने अनुसार, नई दिल्ली में कांग्रेस वॉर रूम में होने वाली बैठक में मध्य प्रदेश पीसीसी प्रमुख कमल नाथ, मध्य प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, मध्य प्रदेश के स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भवर जितेंद्र सिंह, दिग्विजय सिंह और अन्य शामिल होंगे।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों की सूची तय करने के लिए कांग्रेस आज स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक करेगी। कांग्रेस सूत्रों ने अनुसार, नई दिल्ली में कांग्रेस वॉर रूम में होने वाली बैठक में मध्य प्रदेश पीसीसी प्रमुख कमल नाथ, मध्य प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, मध्य प्रदेश के स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भवर जितेंद्र सिंह, दिग्विजय सिंह और अन्य शामिल होंगे। बैठक में राज्य कांग्रेस इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ स्क्रीनिंग कमेटी के अन्य सदस्य और एआईसीसी के सह-प्रभारी उपस्थित रहेंगे।
पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी की कोशिश!
कांग्रेस सूत्रों ने कहा, मध्य प्रदेश के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आज शाम छह बजे दिल्ली में कांग्रेस वॉर रूम में होगी। चुनाव में सिर्फ ढाई महीने बचे हैं और कांग्रेस ने राज्य में अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। सबसे पुरानी पार्टी ने राज्य में चुनाव से पहले कई वादों की भी घोषणा की है। पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है।
2018 में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले महीने चुनावी राज्य के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल है जहां राज्य के 230 सदस्यों को चुनने के लिए इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। एमपी ही एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी सत्ता पर काबिज है।
मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और बीजेपी को 109 सीटें मिलीं। हलांकि, 2020 में कांग्रेस सरकार ने बहुमत खो दिया जिसके बाद कुछ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्य में बीजेपी की सरकार बनी और शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री बने।