नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने नए साल का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि देश की हालत खराब है, अर्थव्यवस्था अपने निचले स्तर पर है और किसानों की हालत बदहाल है। ऐसे में नए साल का जश्न मनाना तकलीफ झेल रहे लोगों की तकलीफ पर नमक छिड़कने जैसा है, इसलिए पार्टी नए साल का जश्न नहीं मनाएगी।
जश्न मनाने की बजाय कांग्रेस पार्टी 31 दिसंबर शाम से एक जनवरी सुबह तक के उपवास का आयोजन करेगी। इस उपवास कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता भाग लेंगे। इसकी घोषणा सोमवार को मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा व कैंपेन कमेटी के चेयरमैन कीर्ति आजाद व कन्वीनर चतर सिंह ने की।
कीर्ति आजाद ने बताया कि इस उपवास के जरिए पार्टी केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में नोटबंदी, सीलिंग और जीएसटी जैसे केंद्र सरकार के उठाए गए कदमों के कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
चुनाव प्रचार के लिए बनाए कार्यक्रम
कीर्ति आजाद ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कांग्रेस ने सघन प्रचार की रणनीति बनाई है। दो जनवरी से छह जनवरी के बीच पार्टी घर-घर तक पदयात्राओं के जरिए संपर्क करेगी। इस दौरान पब्लिक मीटिंग और मार्च का आयोजन किया जाएगा।
इन कार्यक्रमों में पार्टी के केंद्रीय नेताओं की भी अच्छी संख्या में भागीदारी होगी। इन कार्यक्रमों के जरिए पार्टी देश के अलग-अलग हिस्सों से आये लोगों के समुदायों से भी मुलाकात करेगी। मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि पार्टी कार्यालय में कंट्रोल रुम स्थापित करने का काम शुरु हो गया है, जहां से पार्टी भाजपा व आप पार्टी के खिलाफ आक्रामक प्रचार शुरू करेगी। पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शीला दीक्षित पेंशन योजना के नाम से एक विस्तारित योजना समाहित होगी।