आज से कांग्रेस का महाअधिवेशन शुरू हो रहा है। इस अधिवेशन में संचालन समिति सब्जेक्ट कमेटी में तब्दील हो जाएगी। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला महाधिवेशन होगा। महाधिवेशन में राहुल गांधी कांग्रेस का दृष्टिकोण रखेंगे। महाधिवेशन में इस बार नेताओं के बजाय कार्यकर्ताओं पर ध्यान केन्द्रित रहेगा। महाधिवेशन की शुरूआत संचालन समिति की बैठक से होगी। उसमें लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में पार्टी की चुनावी रणनीति के जरिये पार्टी की दिशा तय होगी।
पहले दिन सब्जेक्ट कमेटी के लोग अलग-अलग प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे। 17 और 18 मार्च का दिन महत्वपूर्ण होगा, जब राहुल गांधी अधिवेशन की शुरुआत करेंगे। कांग्रेस ने अधिवेशन के लिए आयोजन समिति, ड्राफ्टिंग कमेटी और उसके तहत चार उपसमिति और एक संविधान संशोधन कमेटी का गठन किया है। 16 मार्च को सब्जेक्ट कमेटी की बैठक में राजनीतिक, आर्थिक , अंतरराष्ट्रीय, कृषि, रोजगार और गरीबी उन्मूलन पर उपसमिति होगी।
अधिवेशन में मुख्य भाषण 17 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण से अधिवेशन दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में शुरू होगा। दिन दो प्रस्ताव पर चर्चा होगी। 18 मार्च को भी दो प्रस्ताव आएंगे। 18 मार्च को शाम 5 बजे राहुल गांधी का मुख्य भाषण होगा जो समापन भाषण होगा। महाधिवेशन का समापन भी कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण से होगा जिसमें वह आगामी चुनावों के लिए पार्टी की योजनाओं की दिशा तय करेंगे।
मीडिया खबरों के मुताबिक राजनीतिक प्रस्ताव में समान विचारों वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने के बारे में पार्टी की योजना का संकेत मिलेगा। कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलो का एक बड़ा मोर्चा बनाने का प्रयास करना चाहती है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रात्रि भोज में 20 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर इस दिशा में पहल की है। यही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से बुधवार को ही मुलाकात की है।
ऐसा माना जा रहा है कि 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त मोर्चे के लिए प्रयासों को मजबूती देने के लिए यह मुलाकात हुई है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि इस बार अन्य सत्रों की तुलना में महाधिवेशन अलग होगा क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष नेताओं की तुलना में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
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