नई दिल्ली : अभी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को लेकर दिल्ली कांग्रेस में घमासान चल रहा है, अब बिजली विभाग (डिस्कॉम) का लाखों का बकाया न दिए जाने पर प्रदेश कार्यालय की बिजली काटे जाने का मामला भी इसमें जुड़ गया। इससे दिल्ली कांग्रेस को तगड़ा करंट भी लगा है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यालय प्लॉट नम्बर-2, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग (डीडीयू) पर स्थित राजीव भवन के नाम से है।
इस कार्यालय का पिछले कई महीने से बिजली का बिल बकाया चल रहा है, जिसको देखते हुए बिजली विभाग ने शुक्रवार को यहां की बिजली काट दी, यह बिजली दोपहर 12 बजे के करीब आधे घंटे तक कटी भी रही। लेकिन जैसे ही इस बात की जानकारी प्रदेश कांग्रेस के आला पदाधिकारियों को पता चली तो उन्होंने अपने रसूक का इस्तेमाल करके बिजली दोबारा री-स्टोर तो करा लिया, लेकिन जब तक मामला मीडिया में लीक हो चुका था। वैसे दफ्तर की बिजली काटे जाने का डिस्कॉम पूरी तरह से खंडन कर रहा है।
गौरतलब है कि शीला दीक्षित के निधन के बाद अभी तक प्रदेश कांग्रेस का कोई नया अध्यक्ष घोषित नहीं हुआ है, अध्यक्ष कोई नहीं बना तो किसी ने प्रदेश कार्यालय की जिम्मेदारी भी नहीं उठाई। वैसे प्रदेश में तीन कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, लेकिन तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारुन यूसुफ, देवेन्द्र यादव व राजेश लिलोठिया को इस बात की जानकारी होते हुए भी उन्होंने बिजली के बिल का भुगतान करने में रुचि नहीं दिखाई। इससे भी खास बात यह कि बिजली के बकाया बिलों की जानकारी प्रदेश प्रभारी पीसी चाको को भी है, लेकिन उन्होंने भी आश्वासन देने के अलावा कोई कदम नहीं उठाया।
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों ने बिजली के बकाया बिलों की जानकारी दी तो पीसी चाको ‘डॉंट वरी ब्रदर, आई विल डू इट’ (चिंता न करो भाई, मैं सब ठीक कर दूंगा) का जुमला सुनाते रहे। लेकिन बिजली का बिल नहीं भरा गया। यह बिल शीला दीक्षित के निधन के बाद से ही बना हुआ है। दूसरी तरफ दो महीने में ही बिजली का लाल बिल भेजने के बाद डिस्कॉम आम लोगों की बिजली काट देती है और बिना बिल भरे और जुर्माना दिए दोबारा कनेक्शन नहीं जोड़ती है, लेकिन यहां तो मामला दो महीने से अधिक का हो चुका है, इसके बाद भी रसूक के नाम पर बिजली नहीं काटी गई।
इससे डिस्कॉम की कार्य शैली पर भी सवाल खड़े होते हैं। कांग्रेस के दफ्तर का बिल 1,90,095.43 रुपए का बकाया है। कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के दफ्तर की बिजली कटने का मामला जैसे ही मीडिया में लीक हुई, प्रदेश कांग्रेस के आला नेताओं में हड़कम्प मच गया।