दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अलग-अलग समूहों के लगभग 80 लोगों ने मंगलवार को दिवगांत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली से मुलाकात की और डीडीसीए के अध्यक्ष पद के लिए उन्हें समर्थन देने की बात कही। हालांकि इन समूह में सी.के. खन्ना का समूह नहीं था। कुछ लोग उम्मीद कर रहे थे कि 31 साल के रोहन जेटली मंगलवार को अपनी टीम का ऐलान करेंगे, लेकिन कुछ पदों पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी और खन्ना भी इस बैठक में नहीं थे इसलिए ऐलान नहीं किया गया। डीडीसीए के छह पदों के लिए 17 से 20 अक्टूबर के बीच चुनाव होने हैं। सूत्रों की माने तो, डीडीसीए के सभी समूहों ने सिर्फ सी.के. खन्ना के ग्रुप को छोड़कर, रोहन जेटली से मुलाकात की, इस उम्मीद से ही कि आज प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी।
हम 80 लोग थे और सभी चाहते थे कि रोहन अध्यक्ष बनें, खन्ना भी उनका साथ दे रहे हैं, लेकिन खन्ना बैठक में मौजूद नहीं थे इसलिए फैसला किया गया कि उनसे एक बार और बात की जाएगी। इसलिए ललित होटल में हमारी बैठक के बाद रोहन सीधे खन्ना से मिलने उनके घर गए। अध्यक्ष पद को छोड़कर अगर बाकी के पांच पदों पर बुधवार तक सर्वसम्मति नहीं बनती है तो सभी समूह के लोग अलग-अलग पदों के लिए अपना नामांकन भरेंगे।
रोचक बात यह है कि 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में डीडीसीए से संबंधित एक विशेष याचिका की सुनवाई होनी है जो चुनावों पर प्रभाव डाल सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि चुनावों पर रोक नहीं लगाई है। सूत्र ने कहा,साफ बात यह है कि सी.के. खन्ना ग्रुप दो सीटें चाहता है। वहीं दूसरा ग्रुप एसपी बंसल, राजन मानचंदा, विनोद तिहारा दो सीट चाहते हैं और भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर एक सीट चाहते हैं। खन्ना अपनी बात पर अड़े हैं कि उनकी पत्नी कोषाध्यक्ष के पद का चुनाव लड़े। इसके अलावा वो कुछ और सीटों पर अपने लोग चाहते हैं। यह मुख्य मुद्दा है।