दुनिया में अपना आतंक मचा रहा कोरोना वायरस अभी भी काफी शक्तिशाली रुप में नजर आ रहा है। ऐसे में कई शोध सामने आ रहे है, जो कह रहे है कि यह महामारी जल्द ही जाने वाली नहीं है। तो वहीं, देश में इस बार गणतंत्र दिवस परेड समारोह में सिर्फ 5 से 8 हजार दर्शकों को ही आने की अनुमति दी जाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अभी दर्शकों की संख्या पर अंतिम फैसला नहीं किया गया है, लेकिन यह संख्या आठ हजार से ज्यादा नहीं होगी। सामान्य परिस्थितियों में करीब सवा लाख दर्शक राजपथ पर मौजूद रहते हैं।
कोरोना महामारी ने किया खासा प्रभावित
रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि अभी कोरोना की तीसरी लहर चरम पर है, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है। पिछले साल जब गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था, तब दूसरी लहर खत्म हो रही थी। इसलिए 25 हजार लोगों को परेड समारोह में आने अनुमति दी गई थी।
मगर, इस बार हालात भिन्न हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सिर्फ कोरोना महामारी के चलते किया जा रहा है, सेंट्रल विस्टा निर्माण की वजह से दर्शकों की संख्या कम नहीं की जा रही है। परेड के आयोजन के नजरिये से उस क्षेत्र में सेंट्रल विस्टा का कार्य पूरा हो चुका है।
राजपथ पर 10 विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी
अधिकारी ने कहा कि लोगों को टीवी के जरिये परेड देखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राजपथ पर भी इस बार 10 विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी, ताकि सामाजिक दूरी के नियमों के तहत परेड स्थल से दूरी पर बैठे लोग भी आयोजन को देख सकें। राजपथ के दोनों ओर पांच-पांच स्क्रीन लगाई जाएंगी।
परेड में कोई मुख्य अतिथि शामिल नहीं
गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबंध में विदेश मंत्रालय को फैसला करना है। इस पर अगले कुछ दिनों में स्थिति साफ होगी। पूर्व में सूचना मिली थी कि मध्य एशियाई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया जा रहा है। मगर, अभी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, कोरोना के चलते पिछले साल परेड में कोई मुख्य अतिथि शामिल नहीं हुआ था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने अंतिम समय में अपना कार्यक्रम टाल दिया था।
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इस बार आधा घंटा देरी से शुरू होगी परेड
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस बार परेड 10 बजे की बजाय 10.30 बजे शुरू होगी। फ्लाईपास्ट के लिए दृश्यता के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है। दिल्ली में सुबह के वक्त कोहरा बढ़ रहा है, ऐसे में कम दृश्यता से दिक्कत हो सकती हैं। साथ ही परेड से पहले जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम भी है।
15 साल से कम उम्र के बच्चों को अनुमति नहीं
परेड देखने के लिए आने वाले उन्हीं वयस्कों को अनुमति दी जाएगी, जो टीके की दोनों खुराक ले चुके हों। 15 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए एक खुराक लिया होना जरूरी है। जबकि, 15 साल से कम उम्र के बच्चों को परेड स्थल पर आने की अनुमति नहीं होगी।
इनके लिए रहेंगी सीटें रिजर्व
इसके अलावा दर्शक दीर्घा में इस बार कुछ सीटें मजदूरों, सफाईकर्मियों और रिक्शाचालकों के लिए भी आरक्षित रखी जाएंगी। रक्षा मंत्रालय ने वंचित वर्ग के लोगों को परेड देखने का मौका देने के लिए यह फैसला किया है।
निमंत्रण पत्र के साथ मिलेगी यह खास चीज
इस बार परेड देखने के लिए जारी होने वाले निमंत्रण पत्र के साथ औषधीय पौंधों के बीज भी दिए जाएंगे। इनमें अश्वगंधा, एलोवेरा और आंवले के बीज शामिल होंगे, जिन्हें लोग अपने घरों में गमलों में भी उगा सकेंगे। यह इसलिए किया जा रहा है, ताकि लोग इन पौधों के औषधीय गुणों का लाभ उठा सकें।
एक अनूठे ड्रोन शो का भी आयोजन
इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में एक अनूठे ड्रोन शो का भी आयोजन होगा। इसमें एक स्टार्टअप कंपनी के एक हजार ड्रोन हिस्सा लेंगे। यह शो करीब दस मिनट का होगा। यह जिम्मा स्टार्टअप बोटलैब डयनामिक्स को सौंपा गया है, जो एक भारतीय स्टार्टअप कंपनी है और ड्रोन बनाती है। आईआईटी दिल्ली इस कंपनी का सहयोग कर रहा है।