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कोरोना संकट : जेल में भीड़भाड़ कम करने के लिए कोर्ट ने शाहीनबाग के तीन प्रदर्शनकारियों को दी जमानत

दिल्ली की एक अदालत ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए शाहीन बाग के तीन प्रदर्शनकारियों को जमानत दे दी। तीनों को कथित तौर पर प्रदर्शन स्थल से नहीं हटने और पुलिस अधिकारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

दिल्ली के साकेत कोर्ट ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन का उल्लंघन कर शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में तीन गिरफ्तार लोगों को जमानत दे दिया है। तीनों को कथित तौर पर प्रदर्शन स्थल से नहीं हटने और पुलिस अधिकारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 
मेट्रोपॉलिटन मेजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह ने शान मोहम्मद, सैयद मसूद अहमद और सैयद तासीर अहमद को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर जमानत दी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए उन जेलों से भीड़भाड़ कम की जाए जहां पहले से सामान्य से अधिक संख्या में कैदी भरे हैं। 
हालांकि अदालत ने उन पर कुछ पाबंदियां भी लगाई, जिसमें कहा गया है कि वे प्रदर्शन स्थल पर भीड़ नहीं जुटा सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वे संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के बारे में सोशल मीडिया, इन्स्टेंट मैसेंजर पर अपनी राय पोस्ट नहीं कर सकते हैं और इस बारे में प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कोई साक्षात्कार भी नहीं दे सकते हैं। 
तीनों व्यक्तियों को 25,000- 25,000 रूपये की जमानती और इतनी ही राशि की प्रतिभूति जमा करने पर जमानत दी गई। उच्चतम न्यायालय ने 23 मार्च को सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस की महामारी के खतरे को देखते हुये जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और उन्हें पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करें जिन्हें सात साल तक की कैद हुयी है या सात साल तक की सजा के आरोप में विचाराधीन कैदी हैं। 
शीर्ष अदालत ने कहा कि जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों का होना चिंता की बात है, खासकर इस महामारी के दौर में यह ज्यादा चिंता का विषय है। राज्य (पुलिस) ने जमानत का इस आधार पर विरोध किया था कि आवेदक प्रदर्शन स्थल पर भीड़ जुटा सकते हैं जिससे कानून-व्यवस्था और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के राज्य के प्रयास प्रभावित होंगे। 
अदालत ने आरोपियों से कहा कि जांच जारी रहने तक वे हर सोमवार सुबह दस बजे शाहीन बाग पुलिस थाने में हाजिरी लगाएं और प्रदर्शन के इरादे से शाहीन बाग में उस स्थल तक नहीं जाएं।

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