दशहरा तैयारी के लिए समयाभाव एवं कोविड-19 महामारी के बीच अनुमति लंबित रहने के कारण इस बार दशहरा में दिल्ली की बड़ी रामलीला समितियों ने रावण दहन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है जबकि कुछ अन्य ने प्रकाश और ध्वनि के प्रभाव से इसके आयोजन की योजना बनाई है। दशहरा उत्सव का केंद्र रहे लालकिला के रामलीला मैदान में हर साल बड़ी संख्या में आम लोगों के साथ-साथ प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति समेत बड़े-बड़े गणमान्य अतिथि पहुंचते हैं लेकिन इस बार वहां सन्नाटा रहेगा।
धार्मिक रामलीला समिति के रवि जैन ने कहा, हमने 3 महीने पहले रामलीला मैदान के लिए आवेदन दिया था लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने अब तक हमें अनुमति नहीं दी। इस साल अब 25 अक्टूबर को रावण दहन के साथ दशहरा मनाना असंभव है क्योंकि कोविड-19 के चलते तैयारी के लिए समय बिल्कुल नहीं है। हालांकि कुछ आयोजक इस महामारी के बीच बड़े आयोजनों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया के तहत छोटे पैमाने पर दशहरा मनाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली में कड़कड़डूमा के समीप सीबीडी मैदान में हजारों लोग रावण दहन देखते पहुंचते हैं लेकिन इस साल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्देशों के अनुसार, भीड़ में 200 से अधिक लोग नहीं हो सकते हैं। समिति के संरक्षक सतीश अग्रवाल ने कहा, हम दशहरा पर छोटे आकार के पुतलों के साथ तैयार हैं। एक दूसरे के बीच दूरी बनाने के लिए इंतजाम किया गया है। बहरहाल, पुलिस की अनुमति का इंतजार है जिसके बाद सभा का आकार तय किया जाएगा।
डीडीएमए ने 11 अक्टूबर को इस उत्सव से पहले दिशानिर्देश जारी कर लोगों की संख्या 200 तक रखने का निर्देश दिया था। मॉडल टाउन की केशव रामलीला समिति के अशोक गोयल ने कहा, हम इस साल प्रकाश और ध्वनि के प्रभाव के लिए पिछले साल के फुटेज का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि कोविड-19 के मद्देनजर भीड़ नियंत्रित करना और एक दूसरे के बीच दूरी बनाना मुश्किल होगा।