नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन सभी अंतरिम आदेशों की तिथि बुधवार को 15 मई तक बढ़ा दी जिनकी अवधि 16 मार्च या उसके बाद समाप्त होने वाली थी। ये उन मामलों पर लागू होगा जो उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के समक्ष थे क्योंकि कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर वादी ऐसे मामलों में पेश नहीं हो पाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल के नेतृत्व वाली एक विशेष पीठ ने असाधारण परिस्थितियों पर स्वत: संज्ञान लिया जिसमें राष्ट्रीय राजधानी की अदालतों ने 16 मार्च से अपने कामकाज को केवल अत्यंत आवश्यक मामलों तक सीमित कर दिया है और केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिनों के लिए लाकडाउन का आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि इस अवधि के दौरान कई अंतरिम आदेश जैसे स्थगन, जमानत और पैरोल की अवधि समाप्त हो जाएगी।
पीठ ने कहा, दिल्ली राज्य में लाकडाउन और अदालतों के अत्यंत सीमित कामकाज के मद्देनजर, नियमित मामलों को अप्रैल के महीने में विशेष तारीखों के लिए टाल दिया गया है। ऐसे में अधिवक्ता और वादी ऐसे मामलों में पेश होने की स्थिति में नहीं हैं जिनमें इस अदालत द्वारा या अधिनस्थ अदालतों द्वारा 16 मार्च को या उससे पहले स्थगन / जमानत / पैरोल प्रदान किया गया है। परिणामस्वरूप, पक्षकारों के पक्ष में पारित आदेश 16 मार्च समाप्त हो गए हैं या उसके बाद समाप्त हो जाएंगे।
इस पीठ में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह भी शामिल थे। पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि अंतरिम आदेशों को 15 मई तक या आगे के आदेशों तक बढ़ाया जा रहा है, ऐसे मामलों को छोड़कर जिसमें उच्चतम न्यायालय ने इस अवधि के दौरान ऐसे किसी मामले में कोई विपरीत आदेश पारित किया हो । पीठ ने यह भी कहा कि यदि 15 मई तक अंतरिम उपायों को बढ़ाने से किसी पक्ष को किसी तरह की कठिनाई होती है, तो ‘‘वे उचित राहत का अनुरोध कर सकते हैं जिसकी सलाह उन्हें दी जा सकती है।’’