नई दिल्ली : केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को राजधानी दिल्ली में लागू करने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच पत्र वॉर शुरू हो गया है। शनिवार को डॉ. हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पत्र पर पलटवार करते हुए एक और पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की स्वास्थ्य स्कीम को लेकर किए दावे को खारिज कर दिया है।
दूसरी बार लिखे गए पत्र में भी डॉ. हर्षवर्धन ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए आयुष्मान भारत योजना को लागू करने को कहा है। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 3 जून को एक पत्र लिखकर केजरीवाल को दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू करने के लिए कहा था। पत्र के जवाब में दिल्ली के सीएम ने कहा है कि न सिर्फ दिल्ली सरकार की योजना में वे सारी बातें हैं, जो आयुष्मान भारत में है।
बल्कि इस योजना में दिल्ली के लोगों के लिए ढेर सारी सुविधाएं भी हैं। केजरीवाल के अनुसार, दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य योजना में दिल्ली के सभी लोग लाभार्थी हैं, जबकि केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के तहत सिर्फ दस फीसदी लोग दिल्ली में इसके लाभार्थी हैं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश और हरियाणा में आयुष्मान योजना पहले से लागू है।
फिर भी हर रोज दोनों राज्यों से लाखों मरीज दिल्ली सरकार के अस्पतालों में इलाज करवाने आते हैं। जबकि शायद ही दिल्ली का कोई मरीज यूपी और हरियाणा में इलाज करवाने जाता होगा। जाहिर है कि दिल्ली की स्वास्थ्य स्कीम केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से अच्छी है।
केजरीवाल के पत्र के जवाब में डॉ. हर्षवर्धन का जवाब…
मुझे यह देख बहुत पीड़ा हुई कि आपने मेरी आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के निवेदन का जवाब सोशल मीडिया पर दिया। इससे पता चलता है कि आप दिल्ली के लोगों के भले में बहुत कम दिलचस्पी रखते हैं। आपका यह दावा कि दिल्ली सरकार पहले ही सभी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा दे रही है और इसीलिए आयुष्मान भारत योजना लागू करने की जरूरत नहीं यह दावा निराधार है।
आप की बड़ी-बड़ी योजनाएं भी साढ़े 4 साल गुजर जाने के बावजूद लागू नहीं हो सकी हैं। आप के मोहल्ला क्लीनिक भी फ्लॉप हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि सभी राज्य यह दावा कर सकते हैं कि वह सरकारी अस्पताल के जरिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि नागरिकों को अभी भी अपनी जेब से उस मुफ्त ट्रीटमेंट के लिए पैसे देने पड़ते हैं। जबकि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना दिल्ली की 15 फीसदी आबादी यानी 30,00000 लोगों को कवर करती है।
आप ने कहा कि जो 10,000 से कम कमाते हैं, हर महीने सिर्फ वही लोग इसमें कवर होते हैं जबकि यह न्यूनतम मजदूरी से भी कम है। मैं आपको बता दूं कि यह क्राइटेरिया 2011 में जुटाए गए डेटा के आधार पर है, जिसमें यह पाया गया था कि 10,000 प्रति माह से कम कमाने वाले लोगों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। राज्य सरकार की प्रस्तावित योजना जो कि, मेरे हिसाब से अभी भी कागजों पर है।
उसमें गरीबों पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा के ज्यादा फायदे अमीर परिवार ले सकते हैं। जनहित में देश में ज्यादातर या राज्यों ने प्रधानमंत्री जन औषधि योजना लागू किया गया, जबकि उनके पास पहले से ही अपनी स्वास्थ्य बीमा योजना थी।
आप की योजनाओं की पोल खोलूंगा
आयुष्मान भारत योजना का दिल्ली में लागू नहीं होने पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने भी अरविंद केजरीवाल की योजनाओं पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा अरविंद जी का मानना है कि दिल्ली की जनता को आयुष्मान भारत से कोई फायदा नहीं होगा। बेहतर होता अगर वह पहले अपने अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक की हालत देख लेते। मरीज जो बरामदे में पड़े है। मैं शीघ्र ही केजरीवाल के इन झूठे दावों की पोल खोलूंगा।
ज्यादातर मरीज यूपी व हरियाणा के
दिल्ली सरकार के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी आयुष्मान भारत योजना पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा अगर ये योजना इतनी ही लाभकारी है तो दिल्ली सरकार के अस्पतालों में यूपी और हरियाणा के मरीज इलाज कराने क्यों आते हैं। ट्वीट कर लिखा दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज यूपी और हरियाणा के हैं। जबकि हरियाणा और यूपी में भाजपा की सरकार है, तो भी उन्हें इलाज वहां नहीं मिल रहा।