नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम के विशेष सदन की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। डोर टू डोर कूड़ा उठाने का ठेका निजी कंपनी को दिए जाने का विरोध करते हुए विपक्ष के नेताओं ने महापौर और आयुक्त पर सीधा हमला बोला। इस दौरान भाजपा महिला पार्षदों और आम आदमी पार्टी की महिला पार्षदों के बीच न सिर्फ धक्का-मुक्की हुई, बल्कि जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया और कुछ पार्षदों के बाल तक खींचे गए।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने बजट की कॉपियां भी फाड़ दी। इसके बाद हालात इतने बिगड़ गए कि आप के कई पार्षद टेबल पर चढ़ गए। सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर महापौर अंजू ने हंगामा कर रहे पार्षद को बाहर भेजने का निर्देश दिया। हालांकि उनके इस आदेश का कोई फर्क नहीं पड़ा। जहां सुरक्षाकर्मी पार्षदों को हटा नहीं पाए, वहीं पार्षदों को शांत कराने में महापौर अंजू असफल रहीं। हंगामे के बीच ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन निर्मल जैन ने बजट प्रस्तुत किया।
विपक्षी पाषर्दों का कहना था कि डोर टू डोर कूड़ा उठाने की योजना के नाम पर भाजपा कई करोड़ रुपए का चूना निगम को लगा रही है। इतना ही नहीं इसकी वजह से निगम में काम करने वाले कई कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाएगी। पार्षद कुलदीप कुमार का कहना था कि जब स्थायी समिति अध्यक्ष ने डोर टू डोर योजना को लेकर रोलबैक कर वापस ले लिया है तो उसे निरस्त अभी तक क्यों नहीं किया गया।
भाजपा के कुछ पार्षद भी इसको लेकर विरोध जता रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी तक निरस्त नहीं किया गया। इसको लेकर जब हंगामा ज्यादा बढ़ने लगा और विपक्षी पार्षद महापौर के आसन तक पहुंच गए। इतना ही नहीं कई महिला पार्षद स्थायी समिति अध्यक्ष और सदन नेता निर्मल जैन के पास पहुंची तो भाजपा की पार्षद भावना मलिक सहित कई पाषर्दों ने उन्हें वहां से हटाने के लिए धक्का दिया।
इसको लेकर हंगामा और बढ़ गया और आम आदमी पार्टी के पार्षद अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए टेबलों पर चढ़ गए। इसको लेकर महापौर अंजू ने माहौल को शांत कराने के बार-बार विपक्षी पाषर्दों को चेतावनी दी और अंत में उन्हें बाहर निकालने के लिए मार्शल बुलाने पड़े, लेकिन महिला मार्शल महापौर के आदेशों का पालन नहीं कर सकी और मूकदर्शक बनकर खड़ी रहीं। हंगामे के बीच सदन नेता निर्मल जैन ने अपना बजट भाषण समाप्त किया।