राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कश्मीरी गेट रोड पर पर्याप्त संख्य में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने पर चिंता जताते हुए दिल्ली की एक अदालत ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को इस साल इलाके में ‘अज्ञात’ सड़क हादसों की सूचना मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
अदालत ने गौर किया कि लापरवाही से गाड़ी चलाने के कथित अपराधों के लिए दर्ज प्राथमिकियों को बंद करते हुए अधिकतर रिपोर्ट अज्ञात के रूप में दर्ज की जा रही हैं। लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण जहां एक तरफ लोगों की सुरक्षा को खतरा रहता है वहीं इस वजह से मौत भी हो जाती है और मौके पर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की अनुपलब्धता के कारण पुलिस को इन मामलों में कोई सुराग नहीं मिल पाता है।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मोनिका भारद्वाज ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा की अदालत में कहा कि इलाके में लगाये गए 74 सीसीटीवी कैमरे पुराने पड़ गए हैं और तस्वीरों की गुणवत्ता अच्छी नहीं है । कश्मीरी गेट इलाका उत्तर पुलिस उपायुक्त (उत्तर) के अधिकार क्षेत्र में आता है। मोनिका ने स्थिति रिपोर्ट में यह भी कहा कि इस मामले में संबंधित उपायुक्त से आधुनिक तकनीक से युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए आग्रह किया गया है।
पुलिस अधिकरी के इस बयान के बाद अदालत ने पुलिस उपायुक्त (प्रावधान और उपस्कर) को नोटिस जारी कर पुलिस उपायुक्त (उत्तर) के आग्रह पर स्थिति रिपोर्ट तलब किया। मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी 2020 को होगी। अदालत ने पुलिस उपायुक्त (उत्तर) को कश्मीरी गेट थाना क्षेत्र में ऐसे सड़क हादसों की संख्या के बारे में अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया।