दिल्ली की एक अदालत ने बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की न्यायिक हिरासत तीन अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी। पुरी को अदालत के सामने पेश किया गया और प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि अगर उन्हें रिहा किया जाता है, तो वह साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसके बाद विशेष न्यायाधीश संजय गर्ग ने आदेश जारी किया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुरी को 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था। अदालत ने हिरासत में पूछताछ की 14 दिन की अवधि खत्म होने के बाद तीन सितंबर को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पुरी अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। हेलिकॉप्टर मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व में पुरी की अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए ठुकरा दी थी कि प्रभावी जांच के लिए हिरासत में उनसे पूछताछ जरूरी है।
पुरी को बैंक जालसाजी मामले में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद वह हेलिकॉप्टर मामले में यहां केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश हुए थे। सीबीआई द्वारा 17 अगस्त को एफआईआर के बाद ईडी द्वारा दर्ज पीएमएलए का नया मामला दर्ज किया गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 354 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।