पिछले साल दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर दंगा करने के मामले को लेकर एक अदालत ने गिरफ्तार स्थानीय नेता आशु खान को जमानत दे दी। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ललित कुमार ने आशू को दोनों मामलों के लिये 25-25 हजार रुपये के निची मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत दे दी।
पिछले साल 15 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में हुई हिंसा से जुड़े दो अलग-अलग मामले में उसे अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था।अदालत ने उसे इस आधार पर जमानत दी कि मामले में चार अन्य सहआरोपी पहले ही जमानत पर हैं।अदालत ने अपने 17 जुलाई के आदेश में कहा कि चूंकि मामले में जांच हो चुकी है और आरोप-पत्र दायर हो चुका है अत: हिरासत में रखकर और पूछताछ की जरूरत नहीं है।
अदालत ने कहा कि उसे हिरासत में रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा।पिछले साल 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया में चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया था और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव के साथ ही सरकारी बसों और निजी वाहनों में आग लगा दी थी।बाद में पुलिस जामिया में दाखिल हुई और कथित तौर पर आंसू गैस के गोले दागे व छात्रों पर लाठीचार्ज किया।