नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के खिलाफ वर्ष 2009 में गलत तरीके से लोकसभा चुनाव जीतने को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है। माकन वर्ष 2009 से 2014 तक नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रहे थे। आदेश कुमार गुप्ता नामक शख्स ने माकन के खिलाफ आरोप लगाया था कि इलेक्शन एजेंट के साथ मिलीभगत कर उन्होंने गलत तरीके से चुनाव जीता था। चुनाव खर्च की 25 लाख रुपये की सीमा को ताक पर रखा गया। माकन ने सरकारी मशीनरी को अपने पक्ष में इस्तेमाल किया।
चुनाव ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मचारियों ने वोट डालने आए लोगों को खाना व पानी मुहैया कराकर माकन के पक्ष में वोट डलवाया। इस याचिका में चुनाव अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था। माकन का कहना था कि उन्हें दी गई याचिका की प्रति असल नहीं है। ऐसा करना जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 81 (3) कर उल्लंघन करना है। कहा गया कि उनके खिलाफ लगाई गई याचिका के प्रत्येक पन्ने की ट्रू कॉपी (असल प्रति) दिया जाना अनिवार्य है। असल प्रति नहीं दिए जाने के कारण इस याचिका को खारिज कर दिया जाए।
याचिका के विरोध में लगाई गई माकन की इंटरलोक्यूटरी अपील को हाईकोर्ट ने वर्ष 2011 में खारिज कर दिया था। विरोध में माकन ने वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाई। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वे मामले के मैरिट पर विचार करने से पूर्व जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 81(3) का पालन करने को वरीयता दें। हाईकोर्ट के न्यायामूर्ति रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि याचिका के सत्यापन में कमियां पाई गई हैं। याचिका पर नोटरी की स्टैंप और याची के हस्ताक्षर तक नहीं हैं।
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– संदीप गुप्ता