ऑटो रिक्शा पर ‘आई लव केजरीवाल’ लिखे होने की वजह से पुलिस ने चालक को 10 हजार रुपये का चालान थमा दिया था। जिसके बाद ऑटो चालक कोर्ट पहुंच गया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को आप सरकार, पुलिस और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
न्यायाधीश नवीन चावला ने दिल्ली सरकार, पुलिस और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर ऑटो चालक की याचिका पर उनका रुख पूछा जिसने दावा किया है कि कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। दिल्ली सरकार के वकील और पुलिस ने अदालत को बताया कि 10 हजार रुपये का चालान क्यों काटा गया, इसका अध्ययन करने के लिए समय जरूरी है और इस बारे में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि संभवत: आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई की गयी जिस दौरान राजनीतिक विज्ञापनों पर पाबंदी होती है। ऑटो चालक के वकील ने चुनाव आयोग की दलील का विरोध करते हुए कहा कि पहली बात तो यह राजनीतिक इश्तहार नहीं है और अगर है भी तो इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा क्योंकि यह याचिकाकर्ता के खर्च पर किया गया है ना कि राजनीतिक दल के खर्च पर। उन्होंने कहा कि आचार संहिता में किसी व्यक्ति के खर्च से राजनीतिक विज्ञापनों की बात नहीं है।