साल 2012 निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को चारों आरोपियों में से एक आरोपी पवन गुप्ता की शिकायत पर मंडोली जेल अधिकारियों से एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है। दरअसल, आरोपी पवन ने दो पुलिसकर्मियों पर पिटाई करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी।
मेट्रोपॉलिटन न्यायाधीश प्रयांक नायक ने 8 अप्रैल तक जेल अधिकारियों से एटीआर मांगी है। न्यायाधीश ने स्पष्ट किया, “इस आदेश का अगले मामले पर कोई असर नहीं होगा। इस मामले के कारण फांसी को नहीं रोका जाएगा।” कोर्ट ने कल जेल अधिकारियों से पवन के उस आवेदन पर जबाव मांगा था, जिसमें पवन ने हर्ष विहार पुलिस स्टेशन के एसएचओ से अनिल कुमार और एक अन्य पुलिस कांस्टेबल पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी।
निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन ने फांसी से बचने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का किया रुख
पवन को अन्य 3 दोषियों के साथ 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जानी है। उसने आरोप लगाया है कि उसे पिछले साल 26 से 28 जुलाई के बीच लाठी और घूंसे से पूरे शरीर पर वार किए गए थे। पवन ने अपने आवेदन में कहा है, “उन्होंने मुझे धीरे-धीरे जान से मारने की धमकी भी दी थी।”
उसने आगे बताया कि सिर में चोट के कारण उसका शहादरा के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में इलाज भी किया गया था। इसके बाद जेल अधिकारियों ने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन आरोपियों के खिलाफ ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया। दोषियों को बाद में तिहाड़ की जेल नंबर-3 में स्थानांतरित कर दिया गया था।