दिल्ली की एक अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर आज फैसला आ सकता है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक ने आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे। मलिक को न्यूनतम उम्रकैद और अधिकतम सजा ए मौत सुनाई जा सकती है।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया था और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाये जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके।
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टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने दोषी करार दिया है। यासीन पहले ही आरोपों को स्वीकार कर चुका था। दो दशक से भी ज्यादा समय तक घाटी में आतंकवाद फैलाने वाले यासीन मलिक को दोषी ठहराए जाने के बाद कोर्ट सजा पर फैसला सुनाएगा।
यासीन पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप भी शामिल हैं। उसपर जो धाराएं हैं, उनमें अधिकतम सजा मृत्युदंड या फिर आजीवन कारावास है। इसके साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों से कहा गया कि वे यासीन की आर्थिक स्थिति का पता लगाएं ताकि उस पर जुर्माना लगाया जा सके। पिछली सुनवाई में यासीन ने अपने वकील को वापस ले लिया था। उसने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था।