नयी दिल्ली : माकपा नेता मोहम्मद सलीम और के के रागेश ने रविवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक बैठक में हिस्सा लिया। माकपा के राज्यसभा सदस्य इलामरम करीम ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें पत्र लिखकर बैठक में नहीं शामिल होने की सलाह दी थी। हालांकि करीम सेहत की वजह से बैठक में शामिल नहीं हुए।
राज्यसभा सदस्य रागेश ने कहा, ‘‘अखबारों में खबरें हैं कि प्रशासन बातचीत करना चाहता है लेकिन जमीन पर ऐसा नहीं है। सरकारी रिपोर्ट कह रही हैं कि अर्थव्यवस्था इतनी खराब है कि लोग बुनियादी खानपान के लिए संघर्ष कर रहे हैं, बिस्किट कंपनी कह रही है कि लोग 5 रुपये का बिस्किट नहीं खरीद रहे और छात्र इन मुद्दों के साथ संघर्ष कर रहे हैं।’’ पूर्व लोकसभा सदस्य सलीम ने भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने उन्हें बैठक में शामिल नहीं होने के लिए कहा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे रजिस्ट्रार ने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के लिए आगाह किया था। जब मैं आज आया तो गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने मुझे बताया कि कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। प्रशासन भूल गया है कि हम अब भी लोकतंत्र में हैं।’’ करीम ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर जवाब दिया, ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि विश्वविद्यालय प्रशासन एक सांसद से कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के लिए कहता है।’’