नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में इस बार फिर से दिवाली पर पटाखे नहीं बिकेंगे। वर्ष 2017 में कोर्ट ने 2016 के बिक्री पर रोक के आदेश को फिर से बरकरार रखा था, वहीं वर्ष 2018 में कोर्ट ने सशर्त पटाखे बेचने की अनुमति दी थी। इस बार भी केवल ग्रीन पटाखे को अनुमति दी जा रही है। हालांकि दिल्ली एनसीआर में दिवाली से पहले बढ़ने वाले प्रदूषण को देखते हुए इन्हें भी बैन किया जा सकता है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। यदि प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो पटाखे की ब्रिकी पर पूरी तरह से बैन कर दिया जाएगा। बता दें कि 2017 में भी पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस देने के पांच दिन बाद ही वापस ले लिए गए थे।
गौरतलब है कि शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि पर्यावरण फ्रेंडली ग्रीन पटाखों की कीमत ज्यादा नहीं होगी। हमने इसके लिए पैरामीटर तय किया है। ग्रीन पटाखों से 30 फीसदी से ज्यादा वायु प्रदूषण कम होगा। उन्होंने कहा कि बाजार में नकली ग्रीन पटाखे न बेंचे जाएं, इसके लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
90 फीसदी व्यापारियों ने पटाखे की ब्रिकी से बनाई दूरी
दिल्ली-एनसीआर में पटाखे को लेकर आई नई गाइड लाइन के बाद से व्यापारी पटाखे की ब्रिकी से दूरी बना रहे हैं। सदर बाजार के पटाखा व्यापारी नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि पहले सदर बाजार से 80 से 90 लोग पटाखे बेचने के लाइसेंस के लिए आवेदन करते थे।
जबकि नार्थ जिले से इनकी संख्या 130 के करीब होती थी। जबकि इस बार सदर बाजार से केवल 12 और नार्थ जिले से 13 लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि व्यापारी ग्रीन पटाखे को लेकर संशय में हैं। अभी तक ग्रीन पटाखे की पूरी वैरायटी ही मार्केट में नहीं आई है। ऐसे में ब्रिकी होगी या नहीं इसे लेकर व्यापारी परेशान है और वह इनकी ब्रिकी से दूरी बना रहा है।
11-12 तरह के पटाखे ही मिलेंगे
शनिवार को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन द्वारा लांच किए गए ग्रीन पटाखे के तहत दिल्ली-एनसीआर में 11-12 तरह के पटाखे ही ब्रिकी के लिए उपलब्ध रहेंगे। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सीएसआईआर और नीरी के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए ग्रीन पटाखे में मुख्य तौर पर अनार, पेंसिल, चकरी, फुलझड़ी जैसे हलके पटाखे ही बाजार में उपलब्ध रहेंगे। इन पटाखों में क्यूआर कोड लगा होगा। जिससे पता चल जाएगा कि पटाखा फेक है या ओरिजनल है। ग्रीन पटाखों को बनाने के लिए 230 एमओयू और 165 करार पर दस्तखत किए गए हैं।
अवैध ब्रिकी पर कसेगी लगाम
दिल्ली में पटाखे की अवैध ब्रिकी पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को सख्त आदेश दिए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीके से पटाखे की ब्रिकी होती है। इन अवैध ब्रिकी को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस सहित स्थानीय निकायों को निर्देश दिए जा चुके हैं। बता दें कि हर वर्ष पांबदी के बावजूद भी भारी मात्रा में पटाखे फोड़े जाते हैं।