नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) की नई पिंक लाइन फिलहाल यात्रियों के लिए तरस रही है। गत 14 मार्च को पिंक लाइन के मजलिस पार्क-दुर्गाबाई देशमुख साउथ कैंपस तक के कॉरिडोर की धूमधाम के साथ शुरुआत हुई थी। लेकिन तब से लेकर अब तक इस लाइन पर लोगों की भीड़ नहीं देखी गई। हालात ये हैं कि डीएमआरसी इस लाइन के यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या बताने तक को राजी नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो फिलहाल इस कॉरिडोर पर यात्रियों का आंकड़ा पांच अंको तक नहीं पहुंच रहा है। इस खंड पर कई इंटरचेंज स्टेशन के बावजूद यात्रियों की कमी खल रही है।
डीएमआरसी को उम्मीद थी कि इस लाइन से आजादपुर, वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, मायापुरी औद्योगिक क्षेत्र, दुर्गाबाई देशमुख साउथ कैंपस और इस रूट पर पड़ने वाले बाजारों में आने के लिए लोग पिंक लाइन का प्रयोग करेंगे। लेकिन वर्तमान में ऐसा होता दिख नहीं रहा है। यात्रियों की कम संख्या का एक मुख्य कारण महंगा किराया भी माना जा रहा है। दूसरा सबसे बड़ा कारण मुद्रिका सेवा के रूप में डीटीसी व क्लस्टर बसों की अच्छी खासी संख्या होना है। उदाहरण के रूप में अगर किसी को मुकंदपुर तथा इसके आपपास की दर्जनों कॉलोनियों, बुराड़ी-भलस्वा की दर्जनों कॉलोनियों से साउथ कैंपस जाना हो तो मेट्रो की तुलना में बस फायदेमंद साबित होती है।
इन कॉलोनियों के यात्रियों को पहले मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए रिक्शा अथवा बैटरी रिक्शा पर 20-30 रुपए खर्च करने होंगे, फिर साउथ कैंपस तक के लिए मेट्रो के लिए 40 रुपए का टिकट लेना पड़ेगा। इसी प्रकार नार्थ कैंपस से साउथ कैंपस तक मेट्रो द्वारा किराया 50 रूपए है। जबकि साधारण बस का किराया 20 रुपए और एसी बस का किराया 30 रुपए है। ऐसे में यात्रियों को लगभग आधे किराए की बचत होती है। जाहिर है ऐसे में यात्री बस से यात्रा करने में फायदा देख रहे हैं।
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– अमित कुमार