नई दिल्ली : दिल्ली के निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले की होड़ की शुरुआत में ही अभिभावकों को समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। कुछ समस्याओं के कारण जानकारी का अभाव तो कुछ का कारण खुद स्कूल बन रहे हैं। 62 निजी स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने दाखिला फॉर्म उपलब्ध होने के एक दिन बाद यानी शनिवार को भी शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अपना दाखिला क्राइटेरिया अपलोड नहीं किया है।
जबकि शिक्षा निदेशालय की प्राइवेट स्कूल ब्रांच द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक सभी स्कूलों को 28 नवंबर गुरुवार को दाखिला क्राइटेरिया अपलोड करना था। दाखिला क्राइटीरिया अपलोड न करने वाली सूची में नॉर्थ वेस्ट ए जिले के 12, ईस्ट के 10, वेस्ट बी के 8, नॉर्थ वेस्ट बी के 7, साउथ वेस्ट बी के 6, नॉर्थ ईस्ट के 5, साउथ, साउथ ईस्ट और साउथ वेस्ट ए के 3, नॉथ, वेस्ट ए और नई दिल्ली जिले का एक स्कूल शामिल है।
ऐसे में इन स्कूलों के आसपास रहने वाले अभिभावक बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि इस बार नेबरहुड (नजदीकी स्कूल) क्राइटेरिया को प्राथमिकता दी जा रही है और ये स्कूल उनके घर के पास स्थित हैं, लेकिन इनके द्वारा क्राइटेरिया ही अपलोड नहीं किया गया है। अब समस्या यह है कि वे अपने बच्चों के दाखिले के लिए आवेदन कैसे करें।
हटाए गए क्राइटेरिया किए अपलोड, हुई कार्रवाई
दिल्ली के निजी स्कूलों में प्रवेश स्तर की कक्षाओं (नर्सरी, केजी और पहली) में दाखिले के समय कुछ ऐसे क्राइटेरिया हैं, जिनके आधार पर स्कूल बच्चों को प्वाइंट्स नहीं दे सकते। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा हटाए गए इन क्राइटेरिया में ‘फर्स्ट बॉर्न’, ‘ट्रांसफर केस’, ‘पेरेंट्स एजुकेशन’ और ‘स्टेटस ऑफ चाइल्ड’ जैसे क्राइटेरिया शामिल हैं।
इसके बावजूद मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए किए जा रहे दाखिलों में भी कई स्कूल इन क्राइटेरिया पर बच्चों को प्वाइंट्स दे रहे हैं। ईस्ट जिले के एक स्कूल में ‘फर्स्ट बॉर्न’ क्राइटेरिया पर 10 से 20 प्वाइंट्स दिए जा रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों ने ट्रांसफर केस और पेरेंट्स एजुकेशन पर भी 20 से 30 प्वाइंट्स तय किए हैं।
इसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने सख्त रुख अपनाते हुए मनमानी कर रहे स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं स्कूलों द्वारा अपलोड क्राइटेरिया की निगरानी कर रही शिक्षा निदेशालय की एक टीम ने भी संबंधित जिले के उप शिक्षा निदेशकों(डीडीई) के साथ संपर्क कर उन्हें स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।