पूर्वी दिल्ली : नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के करावल नगर इलाके में दशहरे के दिन सुबह एक घर में दर्दनाक हादसा हुआ। दरअसल वहां एलपीजी सिलेंडर में पहले रिसाव होने से आग लगी फिर एक के बाद एक दो सिलेंडर ब्लास्ट हो गए। इस हादसे में दो महिलाओं के शरीर के परखच्चे उड़ गए, जबकि एक युवक गंभीर रूप से झुलस गया। मृतक महिलाओं की पहचान रामश्री देवी (62) और उनकी बेटी हेमलता (38) के तौर पर हुई है। वहीं घायल मैकेनिक राजेश (42) सफदरजंग अस्पताल में उपचार जारी है।
जांच में पता चला है कि हेमलता के घर के एलपीजी सिलेंडर से गैस रिसाव हो रहा था। हेमलता ने उसे ठीक करने के लिए मैकेनिक राजेश को बुलाया था। रिसाव को ठीक करने के दौरान हादसा हुआ। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम मोर्चरी भेज दिया है। पुलिस केस दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस के मुताबिक, हेमलता परिवार सहित न्यू सभापुर, करावल नगर में रहती थी। करीब आठ वर्ष पूर्व इसके पति प्रवीन की मौत हो गई थी। हेमलता की एक बेटी कशिश (12) और बेटा अरुण (18) है। घर से कुछ दूर हेमलता का मायका है।
वहां उसके पिता इंद्रपाल, मां रामश्री और भाई व बहन रहते हैं। मंगलवार को त्योहार होने के कारण हेमलता की मां रामश्री उसके घर प्रसाद लेकर आई थी। हेमलता भी रसोई में मां के लिए चाय बनाने लगी तो घर रसोई में रखे एलपीजी सिलेंडर से रिसाव होने लगा। हेमलता ने पास से ही राजेश को उसे ठीक करने को बुला लिया। रिसाव ठीक करने के दौरान अचानक सिलेंडर में आग लग गई। रसोई में उस समय मां-बेटी के अलावा राजेश भी था।
इसी दौरान सिलेंडर फट गया। रसोई में रखा एक और सिलेंडर भी फट गया। हेमलता और रामश्री के परखच्चे उड़ गए। वहीं राजेश बुरी तरह झुलस गया। हादसे के समय हेमलता की बेटी अपनी मौसी सरिता के घर मंडोली गई हुई थी, जबकि बेटा अरुण अपने काम पर गया हुआ था। हेमलता भी मजदूरी करती थी। मंगलवार को दशहरा होने के कारण उसकी छुट्टी थी।
दमकल विभाग व एंबुलेंस पर देर से आने का आरोप
मंगलवार सुबह करीब सवा दस पर मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस, दमकल व कैट्स एंबुलेंस ने तीनों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। हालांकि स्थानीय लोगों व परिजनों का आरोप है कि दमकल विभाग और एंबुलेंस की गाड़ियों पर देर से पहुंचने का आरोप लगाया है। लोगों ने शुरुआत में खुद ही आग पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन बाद में मौके पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। दमकल के अधिकारी गाड़ियों के देर से पहुंचने की बात से इंकार किया है।
बेटी के घर प्रसाद देने गई थी मां
बताया गया है कि मंगलवार को रामश्री के घर पर पूजा थी। वह पूजा का प्रसाद देने ही बेटी के घर गई थीं। वहीं हेमलता भी शाम के समय दशहरा में मेला जाने की तैयारी कर रही थी। हादसे की सूचना मिलते ही पूरा परिवार मौके पर पहुंच गया। मां-बेटी की मौत से पूरे परिवार में मातम का माहौल है।
परिजनों का कहना है कि हेमलता ने शादी के बाद से ही काफी दुख झेला था। करीब आठ साल पूर्व जब उसके पति प्रवीन की मौत हुई तो उसके बच्चे छोटे थे। हेमलता ने हिम्मत नही हारी और मजदूरी कर अपने बच्चों को पालना और पढ़ाना शुरू कर दिया। खुद हेमलता डीएलएफ में एक जींस फैक्टरी में मजदूरी करती थी।