नई दिल्ली : तीस हजारी कोर्ट ने नागरिकता संशोधन बिल (सीएए) प्रदर्शन के दौरान दरियागंज इलाके में हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार 15 आरोपियों को गुरुवार को जमानत दे दी। हालांकि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने अब तक जमानत अर्जी नहीं लगाई है। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने, पुलिस पर पथराव करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में इन लोगों को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार लोगों की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया था लेकिन उन 15 लोगों को ही गिरफ्तार करने का फैसला किया जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। नागरिकता कानून के खिलाफ भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर 20 दिसंबर, 2019 को दिल्ली की जामा मस्जिद पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
हजारों की तादाद में लोग उनके साथ जमा हुए थे। वो यहां से जंतर-मंतर जाना चाहते थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। जिसके बाद मस्जिद के बाहर ही प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में शाम होने के बाद हिंसा हुई थी। दरियागंज पर दिल्ली गेट के पास पथराव और आगजनी हुई थी।
पुलिस ने बल प्रयोग किया था और गिरफ्तारियां की थीं। जिसके बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। वहीं दिल्ली के सीलमपुर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले 11 आरोपियों को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सीलमपुर इलाके में हिंसा में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के वकील ने अदालत को बताया था कि ये डेली वेज पर काम करने वाले मजदूर हैं।