नई दिल्ली : राजधानी को सबसे अधिक चलने और पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाने के लिए सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को तुगलकाबाद में ‘दिल्ली साइकिल वॉक’ प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे। पहले फेज में पैदल यात्रियों और साइकिल सवारों के लिए 4 साल में 36 किमी के तीन कॉरिडोर बनाएं जाएंगे।
इसमें 550 करोड़ की लागत आयेगी। इन्हें ऑन ग्रेड ट्रैक नाम दिया जाएगा। इनको मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड, रिहायशी क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों से जोड़ा जाएगा। साइकिल ट्रैक की चौड़ाई 2.4 मीटर होगी और इतनी ही चौड़ाई का पैदल ट्रैक यात्रियों के लिए होगा।
दोनों ट्रेक के बीच में 1 मीटर की हरित पट्टी होगी। यह कॉरिडोर हरित और पूरी तरह सुरक्षित होगा। जो सड़कों पर वाहनों के भार को कम करेगा और लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा।
पहले फेज में 36 फिर 200 किमी का नेटवर्क
प्रोजेक्ट का पहला फेज तीन कॉरिडोर का कुल 36 किमी का होगा। इनको तीन नाम दिए गए है। इसमें नील गाय लाइन- यह बदरपुर से मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन तक 20.5 किमी तक का कॉरिडोर होगा। पीकॉक लाइन- यह मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन से वंसत कुंज मॉल तक 8.5 किमी तक का कॉरिडोर होगा। बुलबुल लाइन- यह चिराग दिल्ली से नेहरू प्लेस और इस्कॉन मंदिर तक का कॉरिडोर होगा। इस नेटवर्क को आने वाले समय में 200 किमी तक बढ़ाया जाएगा।
ओरिजन-डेस्टिनेशन प्लाजा बनेंगे
प्रोजेक्ट में रिहायशी क्षेत्रों के पास, कार्यस्थलों, स्कूल सहित अन्य जगह सुरक्षित प्रवेश और निकास मार्ग होंगे। इन बिन्दुओं पर वॉशरूम, चाय, कॉफी, साइकिल मरम्मत और साइकिल पार्किंग आदि की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इनको ओरिजन-डेस्टिनेशन प्लाजा नाम दिया जाएगा।
सड़कों के नीचे अंडरपास बनाएं जाएंगे
सड़क बनाने के लिए काटे गए जंगल को कॉरिडोर के माध्यम से दोनों ओर लॉन बनाकर जोड़ा जाएगा। इसके लिए सड़क के नीचे अंडरपास बनाएं जाएंगे। इसमें हरित पट्टी से जंगल के जानवरों को एक तरफ से दूसरी तरफ आने-जाने में भी सुविधा होगी। साथ ही निचले क्षेत्रों में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए छोटी झीलें भी बनाई जाएंगी।
ट्रेक पर यह होगी सुविधा
पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए बनने वाले कॉरिडोर पर हरित नीतियों का पूरा पालन किया जाएगा। यहां पर आसान पहुंच और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। ट्रेक पर सोलर लाइट, 100 मीटर पर सीसीटीवी और केन्द्रीय निगरानी स्टेशन स्थापित होंगे। सार्वजनिक शौचालय, वर्षा जल संग्रह चैंबर, कार और स्कूटर पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रोजेक्ट से लोगों के खर्चे की होगी बचत
दिल्ली साइकिल वॉक का उद्देश्य शहर को पैदल और साइकिल चलाने के लिए अनुकूल शहर बनाना है। लोग काम, दुकान, अध्ययन के लिए पैदल/साइकिल से जाकर मासिक बजट में बचत करें। इसके उपयोग से लाखों कारों के सड़क से हटने की उम्मीद है। इससे प्रदूषण में तेजी से कमी आएगी। साथ ही शहर के भीतर स्थित जंगलों को जोड़कर वन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाया जा सके। साथ ही कॉरिडोर के आसपास आने वाले वन क्षेत्रों में उपेक्षेत झीलों को पुनजीर्वित किया जाएगा।
11 लाख लोग साइकिल का उपयोग करते हैं
डीडीए के मुताबिक दिल्ली में 11 लाख से अधिक लोग सड़कों पर चलते हैं। इनमें से अधिकांश रोजाना साइकिल के माध्यम से ही काम पर आते-जाते हैं। ये लोग मौजूदा समय में 10 किमी से कम की दूरी ही तय करते हैं। इसमें साइकिल चलाने के शौकीन और छात्र भी शामिल है। इन लोगों को सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवहारिक विकल्प उपलब्ध होने पर साइकिल चलाने वाले लोगों का प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।