नई दिल्ली : दिल्ली के स्कूलों में वितरित किया जाने वाला मिड-डे-मील बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। आलम यह है कि स्वस्थ भोजन के नाम पर मरे हुए जानवर परोसे जा रहे हैं। ताजा मामला मध्य दिल्ली के पहाड़गंज स्थित सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल एसडी हरी मंदिर बालिका विद्यालय का है।
यहां मिड-डे-मील के एक कंटेनर (बर्तन) में मरा हुआ चूहा पाया गया है। गनीमत यह रही कि मिड डे मील के कॉन्ट्रेक्टर (ठेकेदार) यह बड़ी लापरवाही स्कूल प्रशासन के सामने आ गई और पूरे खाने को वापस भिजवा दिया गया।
मामले को लेकर स्कूल प्रशासन ने स्कूल में मिड-डे-मील भेज रहे ठेकेदार के खिलाफ शिक्षा निदेशालय में शिकायत दर्ज करवा दी है। फिलहाल फूड सप्लायर का ठेका रद्द कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए जांच चल रही है।
क्या है पूरा मामला…रोजाना की तरह गुरुवार को भी आधी छुट्टी(लंच ब्रेक) होने से ठीक आधा घंटा पहले यानी सुबह 9.30 बजे जोन के फूड सप्लायर मिड-डे-मील की गाड़ी लेकर स्कूल पहुंचे। स्कूल प्रशासन के मुताबिक लगभग सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर मिड-डे-मील के खाने का पहला कंटेनर(बर्तन) खोला गया और पहले कंटेनर में ही मरा हुआ चूहा मिला।
इसके बाद स्कूल की चेयरपर्सन अनीता जैन ने मिड-डे-मील के ठेकेदार सुमीत नागपाल को फोन पर मामले की जानकारी देते हुए स्कूल बुलाया। साथ ही उन्होंने शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों व मिड-डे-मील सेल को इसकी जानकारी दी। लगभग दोपहर 3.20 पर द्वारका स्थित एक लैब से कुछ लोग मिड-डे-मील का सैंपल लेने के लिए आए।
बच्चों को बांटे गए फल
मिड-डे-मील में चूहा मिलने के बाद सारा खाना वापस भिजवा दिया गया। ऐसे में स्कूल प्रशासन की ओर से कहीं ओर से बच्चों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई। स्कूल की चेयरपर्सन अनीता जैन ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के बाद बच्चों के लिए बाजार से फल, कुरकुरे और अन्य खाद्य सामग्री मंगवाई गई। वहीं उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को यह कह दिया है कि कुछ दिनों तक वह अपने घर से ही खाना लेकर आएं।
बच्चों की सेहत को लेकर दिल्ली सरकार नहीं है सजग : निगम
दिल्ली सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूल में मिड-डे-मील के खाने में चूहा मिलना ये साबित करता है कि दिल्ली सरकार बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर बिल्कुल भी सजग नहीं है। यह बात उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश ने कही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी सरकारी स्कूलों के मिड-डे-मील की जांच होनी चाहिए। वहीं जिस व्यक्ति की लापरवाही की वजह से खाने में चूहा मिला है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि विद्यालय की चेयरपर्सन अनिता जैन को मिड-डे-मील के खाने में मरा हुआ चूहा होने का पता चल गया।