दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शहर में कोविड-19 से मृत्यु दर में बढ़ोतरी के लिए पराली जलाने से हुए प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगले दो-तीन सप्ताह में मृतकों की संख्या घटेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को कहा कि पराली जलाने के कारण होने वाला प्रदूषण दिल्ली में बड़ी समस्या है। इससे श्वसन संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती है और यह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की बीमारी को और गंभीर बना देता है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण के घटने के कारण अगले दो-तीन सप्ताह में शहर में कोविड-19 की मृत्यु दर कम होगी। जैन ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के बीच पराली जलाने के कारण प्रदूषण काफी बढ़ गया और यह दोहरे हमले की तरह था। क्योंकि पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण कुछ घटा है इसलिए अगले कुछ सप्ताह में मृत्यु दर भी कम होगी।’’
दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के 6746 मामले आए जबकि 121 और मरीजों की मौत होने से अब तक 8391 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 11 दिनों में पांचवीं बार संक्रमण के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।सत्येंद्र जैन ने कहा कि संक्रमण के नए मामले और संक्रमण दर में भी धीरे-धीरे गिरावट आ रही है जिससे पता चलता है कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि 7 नवंबर को संक्रमण दर 15 प्रतिशत थी जो अब 12 प्रतिशत से कुछ अधिक रह गई है और 10 नवंबर को कोविड-19 के 8500 से ज्यादा मामले आए थे जबकि रविवार को 6746 मामले आए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा दिल्ली के अस्पतालों में 9481 बेड पर कोविड-19 के मरीज भर्ती हैं जबकि 7900 बेड खाली हैं।