लाल किले हिंसा मामले में आरोपी पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में हुई इस सुनवाई के दौरान दीप सिद्धू के वकील ने पंजाबी एक्टर के खिलाफ लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 अप्रैल का दिन निर्धारित किया है।
सुनवाई के दौरान दीप सिद्धू के वकील अभिषेक गुप्ता ने कोर्ट में दलील दी कि जांच एजेंसी के पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि लाल किले पर हुई हिंसा में दीप सिद्धू शामिल था और ऐसे में जांच एजेंसी ने दीप सिंद्धू के खिलाफ 1 लाख का इनाम रख दिया। जांच एजेंसी कैसे न्यूज़ रिपोर्ट के आधार पर ऐसा कर सकती हैं?
उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि दीप सिद्धू ने भीड़ जुटाई है। मीडिया ने उन्हें इस हिंसा का मुख्य आरोपी बना दिया है, क्योंकि उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया था। सिद्धू को मीडिया द्वारा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में लगाया गया था, पता नहीं क्यों?
वहीं, दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि सिद्धू ना सिर्फ उस दिन हिंसा में शामिल था बल्कि एक दिन पहले ही पूरी साजिश रची थी। लोनी का रूट लेकर वह सीधा लाल किले पहुंचा था इतना ही नहीं, उसने लोगों को झंडा फहराने के लिए उकसाया।
इसके लिए 25 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर एक मीटिंग की गई और 26 तारीख को दीप वहां पर 1.54 पर पहुंचा था। इस हिंसा में 144 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए यह सब दीप सिद्धू की वजह से ही हुआ। इसपर दीप सिद्धू के वकील अभिषेक गुप्ता ने कहा कि वह किसी भी किसान संगठन से जुड़े हुए नहीं हैं। ट्रैक्टर रैली के लिए उनकी तरफ से कोई भी घोषणा या आह्वान नहीं किया गया था।
बता दें कि दीप सिद्धू पर लाल किले के नजदीकी लोगों को उकसाने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने सिद्धू को 9 फरवरी को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया था। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में दर्ज एफआईआर में दीप सिद्धू और अन्य के नाम शामिल हैं। इन सभी पर हिंसा करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 26 जनवरी को कुछ लोगों ने लाल किले में हुई हिंसा के बाद एक धार्मिक झंडा फहराया था। उनमें से कुछ की पहचान की गई है, जिनमें से दीप सिद्धू मुख्य आरोपी है।