नई दिल्ली : नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में सोमवार को भाजपा विधायकों के शिष्टमंडल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर उन्हें जानकारी दी कि इस वर्ष मार्च तक दिल्ली सरकार के स्कूलों में बताए जा रहे 8089 क्लास रूम तथा चालू वित्त वर्ष में प्रस्तावित 12748 कमरे के निर्माण के विशाल दावों तथा प्रोपेगेंडा के पीछे भारी अनियमितताएं और धोखेबाजी है। शिष्टमंडल में विधायक ओमप्रकाश शर्मा, एमएस सिरसा, जगदीश प्रधान, कर्नल देवेन्द्र सहरावत और अनिल बाजपेई शामिल रहे।
उन्होंने कहा कि इस निर्माण में केन्द्र सरकार के वित्तीय नियमों (जीएफआर) तथा सीपीडब्ल्यूडी के नियमों की जानबूझकर अनदेखी कर बड़े छल को अंजाम दिया गया है। उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वे मुख्य सचिव को इस मामले की जांच के लिए आदेश दे रहे हैं। रिपोर्ट आने के पश्चात इसे केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भेजा जाएगा। विजेन्द्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से शिकायत की कि मार्च 2019 तक 8089 कमरों के निर्माण का दावा किया गया। लेकिन धरातल पर वास्तविक सत्यापन के बाद पाया गया कि 6000 से भी कम कमरों का निर्माण किया गया है।
भाजपा शिष्टमंडल ने कहा कि स्कूलों में निर्मित और निर्माणाधीन क्लास रूमों को लेकर भारी घोटाला हुआ है। अनेक काम बिना निविदायें आमंत्रित की गई हैं। एक ही काम की दो बार पेमेंट की गई। विशेष मरम्मत के लिये 1000 रूपये स्वीकृत कराए गए। नेता विपक्ष तथा भाजपा शिष्टमंडल के अन्य सदस्यों ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 500 करोड़ रूपये का एस्कलेशन बिना टेंडर के किया गया, 30 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक एस्कलेशन के रूप में दिखाया गया कि हम कमरों को सुविधाओं से बेहतर बना रहे हैं।