राजधानी दिल्ली के लोग कोरोना महामारी और प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहे हैं। बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच दमघोटू अबोहवा और आसमान में छाई धुंध की चादर ने लोगों को बेहाल कर दिया है। बुधवार की तरह ही गुरुवार सुबह भी आसमान में धुएं की घनी चादर मौजूद है, जिससे दृश्यता पर भी असर पड़ा है।
दिल्ली की हवा आज ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में रही है। कल सुबह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में आंशिक सुधार से कुछ राहत मिली थी किंतु चंद घंटों में ही यह गायब हो गई और हवा पहले से भी अधिक दूषित हो गई। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) के अनुसार आज सुबह आर. के. पुरम में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 451 रहा। लोधी रोड पर यह 394, आईजीआई एयरपोर्ट पर 440 और द्वारका में 456 था।
मानकों के अनुसार शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के मध्य ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के मध्य ‘गंभीर’ माना जाता है। उधर दिल्ली सरकार ने माना है कि राजधानी में कोरोना वायरस की तीसरी लहर चल रही है।
त्योहारों के कारण बाजार में भीड़ है और सरकार के बार-बार आग्रह और मास्क नहीं पहनने और कोरोना के अन्य प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर चालान काटे जाने के बावजूद लोगों की लापरवाही जारी है। बुधवार के आंकड़ में दिल्ली में 6842 नये मामलों के साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ चार लाख नौ हजार 938 पर पहुंच गया है। इस महामारी से अभी तक 6703 लोगों की जान ले चुकी है और 37,369 सक्रिय मामले हैं।