राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आवो हवा दिनों दिन खबर श्रेणी में आती जा रही है। पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब में इन दिनों परली जलाये जाने से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता का स्तर गिरता जा रहा है। गुरुवार को दिल्ली धुंध की आगोश में नजर आई। सुबह-सुबह सैर के लिए निकले लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, गुरुवार सुबह आईटीओ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality index) 254, पटपड़गंज में 246 दर्ज किया। दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर इलाके धुंध की चादर में लिपटे नजर आए। इंडिया गेट से लेकर राजपथ धुंध में समाया हुआ दिखाई दिया।
राजपथ के आस-पास मॉर्निंग वॉक और साइकिलिंग के लिए निकले लोगों को का कहना है कि “हमें साइकिल चलाते समय सांस लेना में काफी मुश्किल हुई, क्योंकि अगस्त की तुलना में अब हवा की गुणवत्ता में बहुत अंतर है।” एक अन्य व्यक्ति का कहा कि वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, हम सुबह 6 बजे मॉर्निंग वॉक पर आते थे, लेकिन अब हम 5 बजे आने लगे हैं, जबकि प्रदूषण का स्तर कम है। जनता को जागरूक होना चाहिए और सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ना चाहिए। सरकार कदम उठा रही है, लेकिन सार्वजनिक जागरूकता भी महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार बुधवार की सुबह दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 268 था जबकि मंगलवार को यह 223 दर्ज किया गया था। 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 ‘गंभीर’ माना जाता है।