अरविंद केजरीवाल सरकार की कथित ”किसान विरोधी” नीतियों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के हंगामे के चलते बृहस्पतिवार को दिल्ली विधानसभा की बैठक बार बार बााधित हुई। विधानसभा परिसर में प्रदर्शन के दौरान भाजपा विधायकों ने हल की छोटी छोटी प्रतिकृतियां लेकर केजरीवाल सरकार की ”किसान विरोधी” नीतियों पर विरोध जताया।
भाजपा विधायक विधानसभा में मुख्यमंत्री के कक्ष के बाहर देंगे धरना
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, ”दिल्ली में भूमि अधिग्रहण पर किसानों को कम मुआवजा दिया जाता है और कृषि उपकरणों पर कोई सब्सिडी नहीं दी जाती। आप सरकार के आठ साल के कार्यकाल के दौरान दिल्ली के गांवों में कोई अस्पताल, कॉलेज नहीं बना और सीवर लाइन नहीं बिछाई गई है।” उन्होंने कहा कि अगर सरकार सदन में किसानों के मुद्दे पर चर्चा से बचेगी तो भाजपा विधायक विधानसभा में मुख्यमंत्री के कक्ष के बाहर धरना देंगे।
इस बीच, सत्तारूढ़ आप विधायकों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास, उपराज्यपाल वी के सक्सेना और मुख्य सचिव सहित दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से शहर सरकार के काम में बाधा डालने के आरोप को लेकर धरना दिया। आप विधायकों के विरोध के कारण विधानसभा की कार्यवाही 30 मिनट देरी से, पूर्वाह्न 11.30 बजे शुरू हुई।
केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी
सदन के अंदर, आप विधायक सरकार के काम में ”कथित” हस्तक्षेप को लेकर उपराज्यपाल के खिलाफ विरोध जताते हुए आसन के समक्ष आ गए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को दोपहर 12 बज कर पंद्रह मिनट तक के लिए बैठक स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरु हुई, भाजपा विधायक कथित किसान विरोधी नीतियों को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए, पोस्टर लेकर आसन के समक्ष चले गए।
भाजपा विधायकों ने इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के, अपने स्थानों पर जाने और कार्यवाही चलने देने के अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की बैठक दोपहर बारह बज कर तीस मिनट तक और फिर से दोपहर बारह बज कर पैंतालिस मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।