नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनधिकृत कॉलोनी, प्याज और पानी पर हंगामा होने के आसार हैं। सोमवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय सत्र में सत्ता पक्ष जहां प्याज और पानी के मुद्दे पर केन्द्र को घेरेगा। वहीं विपक्ष अनधिकृत कॉलोनी, गंदे पानी की आपूर्ति और महंगी प्याज को लेकर सरकार पर निशाना साधने की तैयारी में है।
सूत्रों की मानें तो आप विधायक पानी आपूर्ति को लेकर हो रही राजनीति, दिल्ली सरकार को सस्ते प्याज उपलब्ध न करवाने, अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर केन्द्र की मंशा सहित अन्य मुद्दों को उठाएंगे। सदन में आएंगे चार बिलः शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में चार बिलों को रखा जाएगा।
इसमें से दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी बिल 2019, दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल 2019 के अलावा श्रम विभाग और जीएसटी से संबंधित दो बिल शामिल हैं। पहले दो विधेयकों के मसौदे को दिल्ली कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है। दोनों विधेयकों को दिल्ली के उपराज्यपाल ने विधानसभा में पेश किए जाने की अनुमति भी दे दी है। दो और तीन दिसंबर को होने वाले शीतकालीन सत्र में विधायी कार्यों के बारे में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल के कार्यालय को दिल्ली सरकार ने सूचित भी कर दिया गया है।
गुप्ता विस सत्र में उठाएंगे ज्वलंत मुद्दे
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा को नोटिस दिए हैं कि सोमवार से शुरू होने वाले सत्र में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दूषित पानी की सप्लाई तथा अनियंत्रित प्रदूषण के कारण जनस्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव, सीवरों में काम रहे मजदूरों की मृत्यु की संख्या में वृद्धि तथा अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर मुख्यमंत्री के झूठ पर चर्चा करवाई जाए।
इसी दिन प्रदूषण की समस्या से निपटने में नाकामी, 1000 लो फ्लोर सीएनजी बसें खरीदने के मामलें में भारी भ्रष्टाचार और अनियमिततायें तथा सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था में एलईडी बल्ब लगाने के नाम पर 100 करोड़ रुपये का घोटाला जैसे विषयों पर भी चर्चा कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि यदि अध्यक्ष ने इन विषयों पर चर्चा की अनुमति नहीं दी तो वे विधानसभा के नियम 59 के अंतर्गत काम रोको प्रस्ताव लेकर आएंगे।
नेता विपक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं और उनकी पार्टी के नेता इन ज्वलंत समस्याओं को लेकर जनता में भ्रम फैलाकर उसे गुमराह कर रहे हैं। साथ ही विधानसभा से आग्रह किया है कि इन गंभीर विषयों पर जनता को सही जानकारी देना जनहित में अति आवश्यक है।