दिल्ली को यदि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हो तो 24 घंटे में 9 हजार नए ऑक्सीजन बेड तैयार किए जा सकते हैं। यह दावा शनिवार को दिल्ली सरकार की ओर से किया गया। दिल्ली सरकार का कहना है कि यदि उन्हें अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध करा दी जाए उपलब्ध करा दी जाए तो हजारों कोरोना रोगियों को तुरंत बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को प्रतिदिन 976 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है। दिल्ली को सिर्फ 490 मिट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन हुआ है लेकिन इसमें से भी दिल्ली को केवल 312 मिट्रिक टन ऑक्सीजन ही दी जा रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर आज हमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाए, तो 24 घंटे में 9 हजार ऑक्सीजन बेड तैयार हो जाएंगे, लेकिन हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलेगी, तो हम बड़े स्तर पर ऑक्सीजन बेड बढ़ा पाएंगे। मरीज को समय से ऑक्सीजन दे दी जाएगी, तो उसकी जान बच सकती है। मेरी हाथ जोड़ कर विनती है कि हमारी दिल्ली को ऑक्सीजन चाहिए, हमें ऑक्सीजन दीजिए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है।
चारों तरफ से अस्पतालों से एसओएस कॉल आ रहे हैं कि उस अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई है, उसमें आधे घंटे की ऑक्सीजन बच गई है। बहुत ज्यादा मुश्किल हालात पैदा होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केवल और केवल ऑक्सीजन की वजह से मरीज अस्पताल के बाहर इंतजार करने के लिए मजबूर हैं। आज हमें ऑक्सीजन दे दीजिए, यह समस्या दूर हो जाएगी।
हमने राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 5 हजार बेड की तैयारी की हुई है। वहां पर केवल 150 बेड ही चालू है, क्योंकि ऑक्सीजन ही नहीं है। हमने कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज और यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में मिलाकर 1300 बेड की तैयारी की हुई है। हमने बुराड़ी अस्पताल के अंदर 2500 बेड की तैयारी की हुई है। अगर आज हमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाए, तो 9 हजार ऑक्सीजन बेड दिल्ली में 24 घंटे के अंदर तैयार हो जाएंगे, लेकिन हमारे पास ऑक्सीजन ही नहीं है।
दिल्ली ऑक्सीजन का उत्पादन तो करता नहीं है, तो हम किसके पास जाएं और किस से ऑक्सीजन की मांग करे। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस द्वारा अधिक पैसा वसूलने वालों पर दिल्ली सरकार कार्रवाई कर रही है।
दिल्ली सरकार की टीमें पुलिस के साथ मिल कर लगातार कार्रवाई कर रही हैं। जो भी दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे हैं, उनको पकड़ रहे हैं। मरीज का ऑक्सीजन स्तर 90, 89 या 88 जैसे ही आया और उसे उसी समय ऑक्सीजन दे देते हैं, तो उसकी जान बच सकती है, लेकिन लोगों को ऑक्सीजन ही नहीं मिल पा रही है।