दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रविवार यानी आज सुबह मामूली सुधार देखा गया क्योंकि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया था। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी (सफर) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई 386 मापा गया।राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को यानी कल एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा। अगले 2 दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना बताई जा रही है। दिल्ली में कोरोना महामारी के बाद अब प्रदूषण के बिगड़ते हालात के कारण लॉकडाउन लगाने की जरूरत आ गई है।
प्रदूषण और स्मॉग के कारण आसमान में छाई रही धुंध
बता दें कि 51 और 100 के बीच एक्यूआई को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’ की श्रेणी में माना जाता है। जबकि 300-400 को ‘बहुत खराब’ माना जाता है, 401-500 के बीच का स्तर ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, दिल्ली का औसतन एक्यूआई 400 से नीचे दर्ज किया गया है। इंडिया गेट और कोपरनिकस मार्ग पर सुबह के समय एक्यूआई 386 रिकॉर्ड किया गया, प्रदूषण और स्मॉग के कारण आसमान में धुंध छाई रही।
राजधानी दिल्ली में हुई लॉकडाउन की घोषणा
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा करते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली में स्कूल सोमवार से एक सप्ताह के लिए बंद रहेंगे। सीएम केजरीवाल ने सचिवालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए फैसला किया गया कि बच्चे प्रदूषित हवा में सांस न लें। सीएम केजरीवाल ने कहा कि सरकारी अधिकारी एक सप्ताह के लिए घर से काम करेंगे, निजी कार्यालयों को भी उसी प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी जाती है।
जहरीली हुई दिल्ली की आबोहवा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भी दिल्ली में सरकारी और निजी कार्यालयों को अपने वाहनों के उपयोग में कम से कम 30 प्रतिशत की कटौती करने की सलाह दी है। शहर के नागरिकों से कहा गया है कि वे अपनी बाहरी गतिविधियों को सीमित करें और शहर में हवा के संपर्क में आने को कम से कम करें। बताते चलें कि दिल्ली-एनसीआर में लगातार जहरीली हो रही प्रदूषित हवा से हालत इतने खराब हैं कि लोगों को मास्क पहनना पड़ रहा है। कोरोना महामारी में ढिलाई बरतने वाले लोगों को भी प्रदूषण से बचने के लिए मास्क लगाने की जरूरत पड़ रही है।