दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को किसान नेताओं के साथ बैठक में कहा कि तीनों कृषि कानून, किसानों के लिए ‘‘मौत का वारंट’’ हैं। केजरीवाल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं को दोपहर के भोजन पर दिल्ली विधानसभा में आमंत्रित किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसान विरोधी तीनों कानून किसानों के लिए मौत का वारंट हैं। अगर इन कानूनों को लागू किया जाता है तो भारत की कृषि कुछ उद्योगपतियों के हाथों में चली जाएगी और किसान बर्बाद हो जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि अगर इन कानूनों को लागू किया जाता है तो भारत के किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बन जाएंगे।
उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार सभी तीन ‘‘काले कानूनों’’ को तुरंत वापस ले और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप सभी 23 फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 40 से अधिक किसान नेताओं ने हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय जाट महासंघ के किसान नेता रोहित जाखड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार जहां गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर बिजली और पानी की आपूर्ति काट रही है, वहीं केजरीवाल की सरकार पानी एवं शौचालय मुहैया कराके किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रही है।
जाखड़ ने कहा, ‘‘हमारा समर्थन उन लोगों को होगा जो हमारी समस्याओं के बारे में बात करेंगे। भाजपा सरकार ने हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाया है, जिसका जवाब हम वोट के माध्यम से देंगे।’’